Tension Over Conversion: छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मुद्दे पर सुलगी आग, भाजपा को मिलेगा सियासी लाभ !
चुनावी साल में छत्तीसगढ़ में एक बार फिर धर्मांतरण के मुद्दे पर सियासत तेज है. सत्ता में वापसी के लिए बेचैन बीजेपी इस मुद्दे को बड़े मौके के रूप में देख रही है. भाजपा ने सत्ता में आने पर धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाने का बड़ा दांव भी खेल दिया है.
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मुद्दे पर सुलगी आग
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Published : Jun 12, 2023, 9:08 PM IST
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Updated : Jun 13, 2023, 3:19 PM IST
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मुद्दे पर सुलगी आग
रायपुर:धर्मांतरण के मुद्दे को सनातन परंपरा पर बड़े हमले के रूप में दिखाकर भाजपा फिर से सत्ता पर काबिज होने का ख्वाब देख रही है. इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ की मौजूदा सरकार को घेरने का न तो बीजेपी के स्थानीय नेता मौका छोड़ रहे हैं और न ही केंद्रीय मंत्री. 8 जून को कांकेर पहुंचे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी इसी मुद्दे पर भूपेश सरकार पर बड़ा हमला बोला और धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. हालांकि कांग्रेस ने भी गिरिराज सिंह के बयान पर पलटवार किया और भाजपा शासन में सबसे ज्यादा धर्मांतरण होने का दावा किया.
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर खुली छूट-गिरिराज सिंह: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि "ये भारत के सनातनियों को एक तरह से खत्म करके भारत पर कब्जा करने की साजिश है. वहीं आदिवासी समाज को जिस ढंग से क्रिश्चियन बनाने का काम किया जा रहा है, ये दोनों भारत को खोखला करने वाला है. दोनों के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी. अपने आका को खुश करने के लिए कि मेरे छत्तीसगढ़ में, मेरे बस्तर में, मेरे जगदलपुर के अंदर केवल धर्मांतरण के लिए छूट दे रखा हूं, ये नहीं चलेगा. आने वाले दिन में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आएगी तो धर्मांतरण को रोकने के लिए कानून बनाएंगे."
भाजपा के 15 साल में सबसे ज्यादा धर्मांतरण-भूपेश बघेल:केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के आरोपों पर सीएम भूपेश बघेल ने पलटवार किया. सीएम बघेल ने कहा कि "मध्य प्रदेश से अलग होने के समय से ही धर्मांतरण पर कानून बना हुआ है. जो भी धर्मांतरण हो रहे हैं, शिकायत मिलते ही उस पर तत्काल कार्रवाई भी हो रही है. भाजपा शासन के 15 साल में जितने चर्च बने, वो न तो पहले बने हैं, ना उसके बाद बने. इसका साफ मतलब यही है कि जितना धर्मांतरण भाजपा के 15 सालों में हुआ है, उतना आज तक नहीं हुआ."
कांग्रेस का कटेगा वोट तो फायदे में रहेगी भाजपा: वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा के मुताबिक "पिछले कुछ वर्षों से जिस प्रकार से बस्तर में धर्मांतरण हुआ है, उसका स्थानीय जनजाति ने मुखर होकर विरोध किया. बात हिंसक घटना तक जा पहुंची. तीन साल पहले सुकमा एसपी ने चिट्ठी लिखी. फिर बस्तर कमिश्नर को अपने कलेक्टरों को चिट्ठी लिखनी पड़ी. लाॅ एंड आर्डर उस समय से खराब है. सर्व आदिवासी समाज भी लगातार इस बात को उठा रहा है. वो भी कह रहे हैं कि हम बहुत सारे सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. अगर सर्व आदिवासी समाज अपने उम्मीदवार खड़े करती है तो वो किसका वोट काटेगी. अगर वो कांग्रेस का 10 परसेंट वोट भी काटने में सफल हुई तो इसका सीधा फायदा भाजपा को होगा."
वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा
धर्मांतरण के खिलाफ है सख्त कानून:1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ गठन के साथ ही धर्मांतरण पर मध्य प्रदेश में बने कानून को ही अपनाया. इस कानून के तहत जबरन धर्मांतरण पर एक साल तक की जेल और 5 हजार तक का जुर्माना तय किया गया है. वहीं इस कानून के तहत एससी और एसटी समुदाय के नाबालिगों और महिलाओं के धर्मांतरण पर दो साल की सजा और 10 हजार का जुर्माना है. साल 2006 में इसे संशोधित भी किया और धर्मांतरण से पहले अब जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति लेना अनिवार्यता कर दिया गया है.