नई दिल्ली: चीन ने भी माउंट एवरेस्ट पर अपना एक मौसम केंद्र स्थापित किया है. ये दुनिया का सबसे ऊंचा मौसम केंद्र है. ये मौसम केंद्र समुद्र जलस्तर से 8830 मीटर की ऊंचाई पर है. वैज्ञानिकों की टीम ने सफलतापूर्वक इस स्वचालित स्टेशन का परीक्षण किया. माना जा रहा है कि हिमालय में मौजूद लीथियम की प्रचुर मात्रा चीन को आकर्षित कर रहा है. लीथियम यानी सफेद तेल जिसका उपयोग मोबाइल बैटरी से लेकर इलेक्ट्रिक वेहीकल बैटरी तक में किया जाता है. यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया 'ईवी क्रांति' के मुहाने पर खड़ी है और चीन पूरे विश्व का लगभग दो तिहाई लीथियम-ऑयन बैटरी का उत्पादन करता है.
सौर ऊर्जा से संचालित होने वाला ये स्टेशन खराब मौसम में भी दो साल तक काम कर सकता है. इसके साथ ही आंकड़ों के संचारण के लिए ये सैटेलाइट संचार तंत्र से लैस है. इस स्टेशन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये हर 12 मिनट में एक कोड संदेश का प्रसारण भी कर सकता है. चीनी एजेंसी सिन्हुआ की मानें तो इस नए स्टेशन ने अमेरिकी और ब्रिटिश वैज्ञानिकों का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है.
चीनी विज्ञान अकादमी (सीएएस) के तहत तिब्बती पठार अनुसंधान (आईटीपी) के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के साथ चीनी अभियान दल की 13 सदस्यीय टीम ने उत्तरी भाग के ठीक नीचे लगभग 50 किलो उपकरण वजन का एक स्टेशन स्थापित किया है. इससे चीन ने माउंट एवरेस्ट के दक्षिणी हिस्से पर अमेरिकी और ब्रिटिश वैज्ञानिकों की संयुक्त टीम द्वारा 2019 में स्थापित एक स्टेशन से दुनिया की सबसे ऊंचे स्टेशन का रिकॉर्ड छीन लिया है, जिसे 8,430 मीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया गया था.
नवीनतम स्टेशन अर्थ समिट मिशन 2022 नामक एक परियोजना के तहत इस तरह के आठ स्टेशन बनने हैं. जिसे चीन द्वारा चोटी के उत्तरी हिस्से में स्थापित किया गया है. चीनी राज्य नियंत्रित मीडिया ने आईटीपी शोधकर्ता झाओ हुआबियाओ के हवाले से कहा कि ऊंचाई वाले मौसम का अध्ययन करने के अलावा, स्टेशन ग्लेशियरों के पिघलने की घटनाओं पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे और बर्फ की मोटाई को मापने के अलावा जमीन के अंदर भी बर्फ की स्थिति का आकलन करेंगे. इस साल की शुरुआत में तीन स्टेशन 7028 मीटर, 7790 मीटर और 8300 मीटर की ऊंचाई पर स्थापित किए गए. 2021 में चार स्टेशन 6500 मीटर, 5800 मीटर, 5400 मीटर और 5200 मीटर की ऊंचाई पर स्थापित किए थे.