शिमला:हिमाचल कैडर के आईपीएस अफसर अरविंद दिग्विजय नेगी (IPS Arvind Digvijay Negi) की गिरफ्तारी के बाद प्रदेशभर में चर्चाओं का बाजार गर्म है. पुलिस के उनके साथियों से लेकर उनके गांव तक के लोग हैरान हैं. उन्हें भरोसा नहीं हो रहा कि एक तेज तर्रार, निडर और इनवेस्टिगेटिंग में माहिर अफसर पर देशद्रोह का आरोप लगा है. सबसे ज्यादा हैरानी इस बात पर हो रही है कि जिस नेशनल इनवेस्टिगेटिंग एजेंसी यानी NIA में उन्होंने 11 साल सेवाएं दीं, उसी NIA ने उन्हें गिरफ्तार किया है.
नेगी पर हैं संगीन आरोप- नेगी पर आरोप है कि उन्होंने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को देश की खुफिया जानकारी दी है. NIA के आधिकारिक प्रवक्ता (Official Spokesperson of NIA) ने ईटीवी भारत को बताया कि प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा आतंकी समूह के एक ओवर ग्राउंड वर्कर को दस्तावेज सौंपने के आरोप में नेगी की गिरफ्तारी की गई है. प्रवक्ता ने कहा कि 2011 के आईपीएस बैच में पदोन्नत एक पुलिस अधिकारी नेगी को पिछले साल 6 नवंबर को एनआईए द्वारा दर्ज एक मामले के संबंध में गिरफ्तार किया गया है.
NIA ने कई ठिकानों पर की थी छापेमारी-एनआईए ने इस मामले में पहले छह लोगों को गिरफ्तार किया था. जांच के दौरान शिमला में तैनात आईपीएस एडी नेगी की भूमिका का सत्यापन किया गया और उनके घर की तलाशी ली गई. यह भी पाया गया कि एनआईए के आधिकारिक गुप्त दस्तावेज एडी नेगी द्वारा एक अन्य आरोपी व्यक्ति को लीक किए गए थे, जो इस मामले में लश्कर-ए-तैयबा का ओजीडब्ल्यू है.
नेगी के गांव भी पहुंची थी NIA-इस मामले की जांच में NIA की टीम इस नेगी की भूमिका की जांच के लिए किन्नौर भी पहुंची थी. उस दौरान भी चर्चाओं का बाजार गर्म हुआ कि पूछताछ के लिए नेगी को गिरफ्तार किया जा सकता है. किन्नौर के अलावा एनआईए ने सिरमौर और शिमला में भी छापेमारी की और दस्तावेज जब्त किए थे.
कुछ दिन पहले ही मूल कैडर में लौटे थे-अरविंद दिग्विजय नेगी कुछ दिन पहले ही अपने मूल कैडर में लौटे थे. माना जा रहा है कि एनआईए में रहते हुए आतंकी संगठन को जानकारी मुहैया कराने के मामले की जांच के रडार पर नेगी का नाम आने के बाद उन्हें मूल कैडर में भेज दिया गया था. माना जा रहा है कि एनआईए के रडार पर होने की वजह से उन्हें प्रदेश सरकार ने भी कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी थी. वो फिलहाल शिमला में पुलिस लाइन में तैनात थे. उन्हें मूल कैडर में भेजने के बाद एनआईए की जांच की आंच नेगी तक और तेजी से पहुंची और शुक्रवार 18 फरवरी को नेगी की गिरफ्तारी की खबर आई. हालांकि ये जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं हुई है कि नेगी की गिरफ्तारी शिमला से हुई या किन्नौर से.
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टॉप ब्यूरोक्रेसी ने भी साधी चुप्पी-एक आईपीएस की गिरफ्तारी के बाद पुलिस विभाग से लेकर तमाम आला अफसरों ने इस मामले पर चुप्पी साध ली है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपने इलाज के सिलसिले में दिल्ली में है और टॉप ब्यूरोक्रेसी फिलहाल कुछ भी कहने से परहेज कर रही है.