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मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता : पूर्व सेनाध्यक्ष

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Published : Jul 29, 2023, 6:46 AM IST

मणिपुर हिंसा को लेकर पूर्व सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने विदेशी एजेंसियों के हाथ होने से इनकार नहीं किया है. उन्होंने मणिपुर में विद्रोही संगठनों को चीनी सहायता का भी उल्लेख किया.

Etv BharatInvolvement of foreign agencies in Manipur violence cannot be ruled out Ex Army Chief
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नई दिल्ली: पूर्व सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने शुक्रवार को कहा कि मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता.जनरल (सेवानिवृत्त) नरवणे ने कहा कि सीमावर्ती राज्यों में अस्थिरता देश की समग्र राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अच्छी नहीं है. उन्होंने मणिपुर में विभिन्न विद्रोही संगठनों को चीन की ओर से दी जा रही सहायता का भी उल्लेख किया.

पूर्व सेना प्रमुख ने यहां इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में 'राष्ट्रीय सुरक्षा परिप्रेक्ष्य' विषय पर आयोजित एक चर्चा के दौरान मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए यह बात कही. जनरल (सेवानिवृत्त) नरवणे ने कहा, 'मुझे यकीन है कि जो लोग सत्ता में हैं और जो भी कार्रवाई की जानी चाहिए, उसे करने के लिए जिम्मेदार हैं, वे अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहे हैं. मैं कहता हूं कि इसमें न केवल विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है, बल्कि मैं कहूंगा कि वे निश्चित रूप से इसमें शामिल हैं, खासकर विभिन्न विद्रोही समूहों को मिल रही चीनी सहायता.'

पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि चीन कई वर्षों से इन विद्रोही समूहों की मदद कर रहा है और अब भी ऐसा करना जारी रखेगा.

राज्यपाल ने कहा लोगों में विश्वास बहाली के लिए सख्त कार्रवाई की जरूरत:मणिपुर की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के वीडियो पर देश में रोष के बीच केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शुक्रवार को कहा कि लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करने की जरूरत है.

यहां राज्यसभा के पूर्व सदस्य बलबीर पुंज की किताब 'नैरेटिव का मायाजाल' के विमोचन के बाद जब उनसे मणिपुर की घटनाओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने यह टिप्पणी की. राज्य में चार मई की घटना के संदर्भ में खान ने कहा, 'सिर्फ मणिपुर में ही नहीं, कहीं भी, अगर कानून तोड़ा जाता है, खासकर अगर महिलाओं के साथ कुछ घटनाएं होती हैं, तो यह शर्मनाक के अलावा कुछ नहीं हो सकता है.'

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उन्होंने कहा, 'लेकिन असली परीक्षा यह है.घटनाएं होती हैं, लेकिन असली परीक्षा यह है कि अपराधियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है.' महिलाओं के उत्पीड़न का वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हुआ था. खान ने कहा, 'अपराधियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई हो रही है या नहीं, यही मुख्य बात है. ताकि लोगों में विश्वास पैदा हो. ऐसा तब होता है जब आप अपनी एजेंसियों को काम करने देते हैं, और मुझे लगता है कि ऐसा हो रहा है.'मणिपुर में तीन मई को शुरू हुई जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.

(पीटीआई-भाषा)

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