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शांतिकुंज प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या पर लगे दुष्कर्म के आरोपों की जांच दोबारा शुरू

शांतिकुंज प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या पर लगे दुष्कर्म के आरोपों की जांच फिर से शुरू हो गई है. हाल ही में सीजेएम कोर्ट ने पुलिस की अंतिम रिपोर्ट रद्द करते हुए दोबारा जांच के आदेश दिए थे. कोर्ट ने जांच अधिकारी को 30 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है.

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Published : Sep 13, 2021, 9:58 PM IST

Updated : Sep 13, 2021, 11:31 PM IST

देहरादून :हरिद्वार स्थित विश्व प्रसिद्ध शांतिकुंज के प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या पर लगे दुष्कर्म के आरोपों की दोबारा से जांच शुरू हो गई है. पुलिस मुख्यालय अपराध शाखा से मिली जानकारी के मुताबिक नगर कोतवाली की ओर से इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर संदीपा भंडारी को जांच की फाइलें सौंप दी गई हैं. सोमवार से जांच अधिकारी ने पुरानी जांच फाइल का अवलोकन कर आगे की कार्रवाई तेज कर दी है.

हालांकि इस केस की जांच किस स्तर से शुरू की जाएगी, इसके लिए आधिकारिक रूप से जानकारी गुप्त रखी गई है. वहीं, दूसरी तरफ पीड़िता से फिलहाल पुलिस ने संपर्क नहीं किया है. लेकिन जल्द ही इस मामले में पीड़िता का पक्ष जानने और सबूतों के आधार पर नए सिरे से इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच करेगी.

ये था मामला

झारखंड निवासी एक युवती ने 5 मई 2020 को हरिद्वार स्थित विश्व प्रसिद्ध शांतिकुंज के प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या पर दुष्कर्म और उनकी पत्नी शैलबाला पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था. पीड़िता ने दिल्ली के विवेक विहार थाने में 5 मई 2020 को जीरो एफआईआर दर्ज कराकर शांतिकुंज प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था. मामला हरिद्वार शांतिकुंज से जुड़ा होने की वजह से जीरो रिपोर्ट को शहर कोतवाली को 10 मई 2020 को ट्रांसफर कर दिया गया था.

ये भी पढ़ेंः प्रणव पंड्या मामलाः CJM ने पुलिस की अंतिम रिपोर्ट रद्द की, दोबारा होगी जांच

पीड़िता का आरोप

पीड़िता ने मुकदमे में लिखा था कि शांतिकुंज में रहने के दौरान प्रणव पंड्या ने 4 साल तक उसके साथ दुष्कर्म किया था. तब वो नाबालिग थी और शांतिकुंज में खाना बनाने वाली टीम का हिस्सा थी. जब उसने इस बात की जानकारी उनकी पत्नी शैलबाला को दी तो उन्होंने किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी, जिसके बाद वो घबरा गई थी.

इस मामले में हरिद्वार कोतवाली में तैनात महिला सब इंस्पेक्टर मीना आर्य द्वारा जांच की गई थी. हालांकि, मामले में आरोपों के अंतर्गत जांच-विवेचना में किसी तरह के पर्याप्त साक्ष्य- सबूत और गवाही न मिलने के कारण हरिद्वार नगर पुलिस द्वारा कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट (FR) लगा दी थी. लेकिन मामले में सीजीएम कोर्ट द्वारा पिछले दिनों जांच पर सवाल खड़े करते हुए पूरे प्रकरण की जांच दोबारा से करने के आदेश दिए गए हैं.

कोर्ट ने इस प्रकरण में हरिद्वार नगर कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर अमरजीत को 3 महीने का समय देते हुए रिपोर्ट तलब करने का आदेश दिया है. कोर्ट के आदेश मुताबिक हरिद्वार कोतवाली अब इस पूरे मामले में दोबारा से जांच शुरू करते हुए महिला सब-इंस्पेक्टर संदीपा भंडारी को नए सिरे से जांच की जिम्मेदारी सौंपी है.

कोर्ट ने क्यों दिया दोबारा जांच का आदेश

दरअसल पीड़िता ने कोर्ट में कहा था कि डॉ. प्रणव पंड्या और शैलबाला के विरुद्ध केस नहीं चलाना चाहती. यह कुछ लोगों की अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने और बदला लेने का हथकंडा था. उन्होंने उसका गलत इस्तेमाल किया और षड्यंत्र रचकर झूठा मुकदमा दर्ज कराया था. पीड़िता ने यह भी कहा था कि वह डॉ. प्रणव पंड्या और शैलबाला के विरुद्ध झूठे केस को नहीं चलाना चाहती. इसलिए पुलिस की ओर से दाखिल खात्मा रिपोर्ट को स्वीकार किया जाए.

पुलिस ने कोर्ट को दी अंतिम रिपोर्ट

पीड़िता के बयान के बाद पुलिस ने कोर्ट में अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश कर दी थी. कोर्ट ने अंतिम रिपोर्ट पर सुनवाई करने के बाद कहा कि मामले के सही तथ्य सामने आना जरूरी है. इसलिए नियम अनुसार दोबारा से पूरे मामले की सक्षम अधिकारी से जांच कराकर 3 महीने के अंदर कोर्ट में रिपोर्ट पेश की जाए.

पुलिस के लिए निष्पक्ष-पारदर्शी जांच बनी चुनौती

देश दुनिया में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले शांतिकुंज प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या और उनकी पत्नी शैलबाला पर लगे गंभीर आरोपों की जांच फिर से शुरू हो गई है. कोर्ट ने इस हाई प्रोफाइल व्यक्तित्व से जुड़े केस में री-इन्वेस्टिगेशन के आदेश देकर 3 माह में रिपोर्ट तलब करने के आदेश दिए हैं. इस पर पुलिस के सामने एक बार फिर चुनौती खड़ी हो गई है.

Last Updated : Sep 13, 2021, 11:31 PM IST

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