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गृह मंत्रालय के निर्देश पर NIA शुरू की पीएफआई की जांच

हाल ही में कई राज्यों में हुई हिंसा को लेकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की संलिप्तता का संदेह है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनआईए को इस संबंध में जांच करने के निर्देश दिए हैं. एनआईए ने फुलवारी शरीफ मामले में जांच भी शुरू कर दी है. वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

MHA NIA
गृह मंत्रालय एनआईए

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Published : Jul 30, 2022, 10:29 PM IST

नई दिल्ली:राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भारत विरोधी गतिविधियों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की संलिप्तता को लेकर बड़े पैमाने पर जांच शुरू की है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद एनआईए ने जांच शुरू की है. घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शनिवार को 'ईटीवी भारत' को बताया कि जांच एजेंसी को देश भर में हुई हालिया हिंसक घटनाओं में पीएफआई की संलिप्तता की जांच करने के लिए कहा गया है. हाल ही में राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में हुई हिंसा में पीएफआई का हाथ होने का संदेह है.

भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की विवादास्पद टिप्पणी के बाद कई राज्यों में हिंसक घटनाएं सामने आ रही हैं. वर्तमान स्थिति का फायदा उठाकर कई भारत विरोधी संगठन भी अपने 'लक्षित उद्देश्यों' (targeted motives) के लिए सांप्रदायिक भावना को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, 'विभिन्न राज्यों में कई लोगों की हालिया गिरफ्तारी ने इस तथ्य को भी प्रमाणित किया है कि कट्टरपंथी इस्लामी संगठन कई संगठनों की मदद से स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं.'

यह पूछे जाने पर कि क्या पीएफआई पर कोई प्रतिबंध लगेगा? अधिकारी ने कहा कि सरकार सभी हितधारकों से परामर्श करने के बाद अंतिम फैसला करेगी. हाल ही में एनआईए ने कथित रूप से राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल पीएफआई सदस्यों की तलाश में बिहार के 10 अलग-अलग स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया था. सर्च ऑपरेशन पटना के फुलवारीशरीफ टेरर मॉड्यूल केस से जुड़ा है, जिसका खुलासा बिहार पुलिस ने किया था. अधिकारी ने कहा, 'हालांकि अभी कुछ भी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह संदेह है कि पीएफआई के सदस्य पाकिस्तान स्थित कई संगठनों के स्लीपर सेल के सदस्यों से जुड़े हुए हैं.'

गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद एनआईए ने हाल ही में फुलवारी शरीफ मामले की जांच शुरू की है. गौरतलब है कि असम, उत्तर प्रदेश, झारखंड समेत कई राज्यों ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. एनआईए ने दावा किया कि पीएफआई अब उत्तर प्रदेश, असम, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु सहित कई राज्यों में फैल गया है. पीएफआई के सदस्यों की भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में कथित संलिप्तता ने स्थिति को और बढ़ा दिया है. एनआईए पीएफआई की राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) की भी जांच कर रही है.

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