मालदा :पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव2021 को लेकर सियासत शुरू हो गई है. वहीं, इस बार जिले के पुराने मालदा और इंग्लिशबाजार क्षेत्रों में 2021 के विधानसभा चुनाव में विपक्षी दलों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा प्लास्टिक प्रदूषण होगा. बता दें, काफी समय से जिले के ये दो टाउनशिप प्लास्टिक कैरी बैग के इस खतरे का सामना कर रहे हैं.
मालदा जिले के इंग्लिश बाजार ब्लॉक के कोतवाली क्षेत्र का निवासी मक्का के छिलकों से कैरी बैग बनाने के एक नए विचार के साथ आगे आया है. वह चाहता है कि जिले की दो नगरपालिकाएं भी प्लास्टिक के खतरे को कम करने के लिए इसी तरह प्राकृतिक कैरी बैग का उत्पादन करें. वहीं, इस पहल को नगर निगम अधिकारियों से भी प्रशंसा मिली है.
हालांकि, कुछ समय पहले जिले की दो नगरपालिकाओं के अधिकारियों ने प्लास्टिक के कैरी बैग के अत्यधिक उपयोग के खिलाफ अभियान चलाया था, लेकिन उनका यह प्रयास किन्हीं कारणवश सफल नहीं हो सका. जनता की इन प्लास्टिक कैरी बैग की आदत से नगरपालिका क्षेत्रों में सीवरेज सिस्टम पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. इंग्लिशबाजार, मलचापल्ली और कृष्णपल्ली इलाके में जलभराव से इलाके में रहने वाले लोगों के लिए भारी कठिनाई हो रही है. इस मुद्दे को लेकर कई बार विरोध-प्रदर्शन भी हो चुके हैं. नगर निगम के अधिकारियों ने राय देते हुए कहा कि इस समस्या को तब तक हल नहीं किया जा सकता है जब तक कि प्लास्टिक कैरी बैग के उपयोग को बंद नहीं किया जाता है.
ऐसी स्थिति में मक्का के छिलकों से बने प्राकृतिक कैरी बैग की पहल ने इस समस्या के दीर्घकालिक समाधान के लिए आशा की किरण पैदा की है. वह इस तरह के एक अभिनव प्रोजेक्ट के साथ आने वाले हैप्पी चौधरी पहले शख्स हैं. उन्होंने दावा किया है कि इन प्राकृतिक कैरी बैग की कीमत पारंपरिक प्लास्टिक कैरी बैग से काफी सस्ती है. हैप्पी ने कहा कि पूरी दुनिया इस प्लास्टिक खतरे से चिंतित है. इसलिए कुछ समय पहले मैंने एक विकल्प की तलाश शुरू की. मुझे इंटरनेट से मक्का के छिलकों से प्राकृतिक कैरी बैग बनाने के इस विचार के बारे में पता चला. उन्होंने कहा कि रिसर्च करने के बाद अब मैंने उत्पादन शुरू कर दिया है. इस तरह के कैरी बैग आसानी से डिस्पोजेबल होते हैं और छह महीने के भीतर वे मिट्टी में घुल जाते हैं. हालांकि, मुझे अभी तक परियोजनाओं के लिए कोई सरकारी सहायता प्राप्त नहीं है.
उन्होंने कहा कि इंग्लिशबाजार म्युनिसिपैलिटी के प्रशासक निहारंजन घोष को तब बहुत खुशी हुई जब उन्हें ईटीवी भारत की इस पहल के बारे में पता चला. उन्होंने कहा कि हमने इस शहर में प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए अपनी पूरी कोशिश की है. जिला प्रशासन ने भी हमारे साथ सहयोग किया है. हम आम लोगों और स्थानीय व्यापारियों से प्लास्टिक उत्पादों का उपयोग करने से परहेज करने की अपील करते हैं, लेकिन उन्होंने हमारे साथ और समस्या को दूर करने में सहयोग नहीं दिया, लेकिन मक्का के छिलकों से कैरी बैग बनाने की यह पहल वास्तव में एक अभिनव विचार है. यदि निर्माता हमसे संपर्क करें तो हम निश्चित रूप से प्लास्टिक कैरी बैग के उपयोग को कम करने के लिए इस उत्पाद को लोकप्रिय बनाने में उनकी मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हो तो निर्माता के साथ संयुक्त पहल में नगर पालिका इन प्राकृतिक कैरी बैग का पूर्ण उत्पादन करेगी.
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ओल्ड मालदा नगरपालिका के प्रशासक कार्तिक घोष ने कहा कि काफी समय से वे प्लास्टिक कैरी बैग के इस्तेमाल को रोकने की कोशिश कर रहे थे. "इस मुद्दे पर प्रशासन और विभिन्न संगठनों के बीच कई दौर की चर्चा हुई. प्लास्टिक उत्पादों का अत्यधिक उपयोग स्वास्थ्य के खतरों सहित कई समस्याएं पैदा कर रहा है, लेकिन वैज्ञानिक प्रक्रिया में प्राकृतिक कैरी बैग का उत्पादन वास्तव में एक महान पहल है. यदि निर्माता उन्होंने कहा कि हम अपनी ओर से इसी तरह के उत्पादन में उनकी मदद लेंगे.