दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

ईटीवी भारत से बोले फारूक अब्दुल्ला, कश्मीर में नए वोटरों को लेकर बहुत सारी गलतफहमियां, हमें इसे दूर करना होगा

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों की 22 अगस्त को बैठक बुलाई है. ईटीवी भारत के नेशनल ब्यूरो चीफ राकेश त्रिपाठी ने विभिन्न मुद्दों पर फारूक अब्दुल्ला से विशेष बातचीत की. आप भी पढ़िए फारूक अब्दुल्ला ने क्या कहा.

Farooq Abdullah News
फारूक अब्दुल्ला

By

Published : Aug 20, 2022, 2:14 PM IST

Updated : Aug 20, 2022, 5:46 PM IST

नई दिल्ली:जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि कश्मीर में नए वोटरों की संख्या और डेमोग्राफी को लेकर लोगों में बहुत सारी गलतफहमियां हैं, जिन्हें दूर करने के लिए अब उन्होंने कमर कस ली है. फारूक ने कहा कि 22 अगस्त को उन्होंने श्रीनगर में इसी के सिलसिले में सभी दलों की एक बैठक बुलाई है. ईटीवी भारत के नेशनल ब्यूरो चीफ राकेश त्रिपाठी से एक खास बातचीत में उन्होंने कहा कि गलतफहमियां दूर करने का काम सिर्फ सरकार नहीं कर सकती, राज्य के नेताओं को भी उसमें लगना पड़ेगा. पेश है फारूक अब्दुल्ला से बातचीत के कुछ अंश...

सवाल: आपने जो 22 अगस्त को जो मीटिंग बुलाई है उसका क्या मकसद है.
जवाब: बात इतनी सी है कि लोगों में जो गलतफहमी हैं, उसे दूर करने की कोशिश कर रहे हैं हम. दूसरी बात ये कि यहां जो निर्दोष लोगों की हत्या हो रही है, उसके बारे में हमने उपराज्यपाल से कहा था मीटिंग बुलाने को, लेकिन उन्होंने मीटिंग नही बुलाई. हम ये चाहते हैं कि अभी उन्होंने जो (आदेश) दिया है, उससे कहीं ये न हो कि जो बेचारे मजदूर हैं यहां उनको ये (आतंकवादी) गोलियां मार दें. हमें डर ये है कि इसके बाद हमारे लिए बड़ी मुश्किल हो जाती है. तो हम सब मिल के बैठेंगे और उस मुश्किल का एक रास्ता ढूंढेंगे, क्योंकि सिर्फ सरकार से इसका हल नहीं मिल सकता. जब तक लोगों का साथ नही मिलता, सरकार कुछ नही कर सकती.

ईटीवी भारत के नेशनल ब्यूरो चीफ राकेश त्रिपाठी ने फारूक अब्दुल्ला से विशेष बातचीत की.

सवाल: ऐसा भी कहा जा रहा है कि 25 लाख वोटर और जुड़ जाएंगे कश्मीर में?
जवाब: उनमें हमारे भी बच्चे होंगे. जो बच्चे हमारे 18 साल के हो गए हैं, उनको भी वोटर बनाना है. वो ही 20 लाख के करीब होंगे. तो मैंने आपको कहा ना, कि प्रोपेगंडा ज्यादा है, लोगों की गलतफहमियां ज्यादा हैं. तभी तो मैने कहा कि हम सभी लीडर्स मिल कर बैठें आपस में बात करें और सच बात को लोगों में फैलाएं. ये सरकार नही करेगी, इसे हमें करना पड़ेगा. मैने आपसे कहा ना कि गलतफहमियां दूर करनी है लोगों की.

सवाल: आपको लगता है सरकार की तरफ से कोई कमी रह गई है?
जवाब: बहुत कमी है. ये बात ही नही करते. अब देखिए, कश्मीरी पंडित मारा गया, मजदूर मारे गए, पुलिस वाला मारा गया, फौजी मारा गया. तो हमने गुजारिश की उपराज्यपाल से कि आप लीडरों को बुलाइए, बात करिए. जिस तरह आपने अमरनाथ यात्रा से पहले सबको बुलाया कि आइए हमारी मदद कीजिए. उसी तरह से क्यों नहीं बुलाते सबको. मैने खुद राज्यपाल जी से कहा था, लेकिन उन्होंने नहीं बुलाया. जब नहीं बुलाया तो हमने कहा कि भाई अब बस यही रास्ता है. अब हमें ही मीटिंग बुलानी पड़ेगी क्योंकि अब उसके सिवाय हमारे इस इलाके को बचाने का कोई और रास्ता है नहीं.

सवाल: कहा जा रहा था कि आप सब की एक चिंता इस राज्य की डेमोग्राफी को लेकर भी है?
जवाब: देखिए मैंने आपको कहा ना. हर तरफ से अफवाहें फैलाने की कोशिश हो रही है. हर तरफ से जो हमारे दुश्मन बाहर बैठे हैं, इसमें लगे हुए हैं. जितना उनकी मर्जी है, कर रहे हैं. अब देखिए उपराज्यपाल जी को क्या जरूरत थी ये कहने कि मौलवी फारूक को हमने बंद नहीं किया, वो खुद अंदर बैठा है. हमें ये पता है कि वो बाहर रहा तो उसे पाकिस्तानी मारने आ जाएंगे. मगर ये बात कहने की क्या जरूरत थी. ये बात देश के लोगों को समझने की कोशिश करनी चाहिए कि हम एक लड़ाई नहीं रहे हैं, हम कई लड़ाइयां लड़ रहे हैं. एक हमारा पड़ोसी ऐसा है जो रुकने वाला है नहीं. ये एक बड़ी मुसीबत है.

सवाल: तो ये जो पड़ोसी है, वो मानेगा कैसे?
जवाब: देखिए बात करना बड़ा जरूरी है. बेशक कुछ हासिल ना हो, लेकिन एक माहौल बनाने की कोशिश हो जायेगी. बाकी हमें कुछ लेना नहीं, देना नहीं.

सवाल: लेकिन भारत सरकार तो कहती है कि जब तक पाकिस्तान से आतंकवाद बंद नहीं होगा, बात नहीं होगी. और फिर बात करें भी तो किससे?
सवाल:मैं आपसे कहूंगा कि जब आखिरी बंदूक बंद होगी , खुदा जाने तब तक कौन जिंदा रहेगा, कौन मर जायेगा. अगर ये लोग चीन से बात कर सकते हैं जो हमारी सरहद पार कर हमारी जमीन पर बैठा हुआ है, तो पाकिस्तान से बात करने में क्या आपत्ति है. हमें इसी चीज को तो तोड़ना है. लोग रोज मर रहे हैं, आतंकवादी रोज आ रहे हैं.

सवाल: मोदी जी से आपकी मुलाकात होती है, आप ने उनसे भी ये बात कही होगी, क्या कहना है उनका?
सवाल: मुलाकात हुई है, लेकिन वो भी क्या करें. उनकी भी अपनी मुश्किलें हैं. वो ज्यादा बात करेंगे इस बारे में, तो लोग कहेंगे लो जी इसने तो अपने हथियार डाल दिए. ये हमारी मुसीबत है. न जाने ये देश कब ठीक होगा. कब हमारी सोच ठीक होगी.

सवाल: वैसे कश्मीर में डेवलपमेंट तो खूब हो रहा है, आप क्या सोचते हैं ..क्या कुछ अच्छा जल्दी आप देख पाएंगे.
जवाब: देखिए डेवलपमेंट ही सब कुछ नही होता. जब तक यहां अमन नही आता, कौन डुबोएगा अपना पैसा यहां. कोई पैसा लगाने आ नहीं रहा , क्योंकि उनको डर है कि उनका पैसा डूब जायेगा.

सवाल: आप खुद भी जनता से बात कर सकते हैं, आप की तो जड़ें यहां हैं, लोग आपकी सुनेंगे.
जवाब: इसीलिए तो ये सब कर रहा हूं, वर्ना मुझे क्या पड़ी थी मीटिंग बुलाने की. मैं तो कोविड से निकला हूं अभी. लेकिन मैंने कहा, नहीं, अगर हम अभी ये नहीं करेंगे तो हमारे दुश्मन हमारे लिए और मुश्किल खड़ी करेंगे. प्रार्थना करिए आज जन्माष्टमी का त्योहार है, बहुत बड़ा दिन है आप सब को मुबारक हो. आप लोग पूजा करें, मेहरबानी कर के भगवान श्रीकृष्ण से मांगिएगा कि वो हम सब की मुसीबतें कम करें.

Last Updated : Aug 20, 2022, 5:46 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details