वर्ल्ड रैंकिंग 3 तीरंदाज अभिषेक वर्मा का इंटरव्यू देहरादून (उत्तराखंड): अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह भारत के लिए बड़ी उपलब्धि है कि आर्चरी (Archery) में भारत देश से एक नहीं बल्कि 3 खिलाड़ी टॉप 10 रैंक में आते हैं. बड़ी बात ये है कि आर्चरी की वर्ल्ड रैंकिंग में ये तीनों तीरंदाज टॉप 6 में स्थान रखते हैं. इनमें से वर्ल्ड रैंकिंग में 3rd रैंकिंग पर दिल्ली के अभिषेक वर्मा हैं. 4th रैंकिंग पर महाराष्ट्र से प्रथमेश और 6th पर ओजस आते हैं.
इन तीनों खिलाड़ियों को राष्ट्रपति ने इनकी खेल उपलब्धियों के लिए अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया है. इन दिनों भारत के टॉप अंतरराष्ट्रीय आर्चरी खिलाड़ी देहरादून में चल रही उत्तराखंड आर्चरी लीग में शामिल होने आए हैं. ईटीवी भारत ने इन चैंपियन आर्चर से बात की तो उन्होंने अनुभव बांटने के साथ ही भविष्य की योजनाएं बताईं.
वर्ल्ड रैंकिंग 3 तीरंदाज अभिषेक वर्मा अभिषेक वर्मा, वर्ल्ड रैंक- 3
अभिषेक वर्मा दुनिया भर के तीरंदाजों में तीसरे पायदान पर हैं. भारत के टॉप आर्चरी प्लेयर हैं. अभिषेक वर्मा दिल्ली इनकम टैक्स विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर कार्यरत हैं. अभिषेक वर्मा ने बताया कि दुनिया के आर्चरी खिलाड़ियों में तीसरे नंबर पर आना उनके लिए चुनौतियों से भरा हुआ भी था. अपने खेल के प्रति उनकी रुचि ने इस सफर को आसान बनाया. उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने स्कूल टाइम से ही आर्चरी करियर की शुरुआत कर ली थी. उसके बाद उन्होंने स्टेट लेवल, नेशनल लेवल, एशियाई लेवल और फिर इंटरनेशनल स्तर पर कई मुकाम हासिल किए. आज वह तमाम खिताब हासिल करने के बाद दिल्ली इनकम टैक्स विभाग में कार्यरत हैं.
आर्चरी लीग से होगा फायदा: अभिषेक ने बताया कि आर्चरी खेल के प्रति युवाओं का रुझान अब बढ़ने लगा है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से देहरादून में उत्तराखंड आर्चरी लीग फॉर्मेट की शुरुआत की गई है. वो अपने आप में एक नई पहल है. इससे तीरंदाजी खेल को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि इस तरह के फॉर्मेट में नेशनल इंटरनेशनल प्लेयर के साथ नए खिलाड़ी को खेलने का मौका मिलता है जो कि उन्हें नया एक्स्पोज़र देता है. इस दौर में पॉपुलर होते अन्य खेलों की तुलना में आर्चरी को बढ़ावा देने को लेकर अभिषेक वर्मा का कहना है कि सभी खेलों को बराबर तवज्जो दी जानी चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सभी खेलों में समान प्रतिभा और मेहनत को देखते हुए उनकी जीत की राशि और सम्मान को समान नजर से देखना चाहिए. ऐसा करने से हर एक गेम के खिलाड़ी को प्रोत्साहन मिलेगा.
वर्ल्ड रैंक 4 तीरंदाज प्रथमेश जवाकर का इंटरव्यू प्रथमेश जवाकर, वर्ल्ड रैंक- 4
तीरंदाजी में वर्ल्ड रैंकिंग फोर्थ पर आने वाले महाराष्ट्र के प्रथमेश जवाकर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि देहरादून में हो रही उत्तराखंड आर्चरी लीग पूरे आर्चरी गेम्स के लिए एक बड़ी पहल है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से आर्चरी गेम्स को आज बढ़ावा देने की जरूरत है, इस तरह से लीग फॉर्मेट में लाकर इस गेम्स के जरिए कई नए खिलाड़ियों को बेहतर प्लेटफार्म मिलेगा. उन्हें माहौल मिलेगा और आने वाले नेशनल गेम्स में उत्तराखंड की पदक तालिका में इजाफा होगा.
वर्ल्ड रैंक 4 तीरंदाज प्रथमेश जवाकर प्रथमेश ने अपने आर्चरी करियर के बारे में बताया कि उन्होंने अब तक वर्ल्ड आर्चरी गेम में गोल्ड मेडल जीता है. एशियन गेम्स में भी उनके द्वारा गोल्ड मेडल जीता गया है. सीनियर नेशनल्स के अलावा कई अन्य डोमेस्टिक प्रतियोगिताओं में भी गोल्ड मेडल हासिल किये हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि उनकी पूरी कोशिश है कि वह आगे इसी तरह से अपने आर्चरी गेम्स के प्रदर्शन को जारी रखें.
वर्ल्ड रैंक 6 आर्चर ओजस प्रवीन का इंटरव्यू ओजस प्रवीन, वर्ल्ड रैंक- 6 वर्ल्ड रैंकिंग 6th पर मौजूद महाराष्ट्र से आने वाले ओजस प्रवीण ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि वह मूल रूप से नागपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने अपने आर्चरी करियर की शुरुआत वहीं से की थी. उन्होंने बताया कि उन्होंने शुरुआती 5 साल नागपुर में तीरंदाजी का अभ्यास किया. उसके बाद पिछले 1 साल से वह सतारा में प्रैक्टिस कर रहे हैं. इसी दौरान उनके इंटरनेशनल करियर की भी शुरुआत हुई. ओजस ने बताया कि सबसे पहले उन्होंने नेशनल में गोल्ड मेडल हासिल किया. इसके बाद अपने पहले अंतरराष्ट्रीय डेब्यू में जूनियर एशिया कप के दौरान उन्होंने इंडिविजुअल में सिल्वर मेडल और टीम गोल्ड हासिल किया था. इसके बाद उन्हें एक बूस्ट अप मिला और जितनी भी उन्होंने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया उनमें उनका प्रदर्शन बेहतर रहा. इसी दौरान उन्होंने अपना सीनियर इंटरनेशनल गोल्ड भी हासिल किया.
वर्ल्ड रैंक 6 आर्चर ओजस प्रवीन सुनहरा होगा आर्चरी का भविष्य: ओजस प्रवीण ने बताया कि इसके बाद उन्होंने लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई खिताब हासिल किए. बीते साल वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने इंडिविजुअल गोल्ड मेडल हासिल किया. ठीक इसके बाद हुई एशियाई चैंपियनशिप में उन्होंने गोल्ड मेडल की हैट्रिक मारी. खासतौर से आर्चरी प्लेयर के करियर को लेकर ओजस का कहना है कि आज से कुछ साल पहले इस खेल को कुछ खास तवज्जो नहीं दी जाती थी. पिछले कुछ सालों में आर्चरी के साथ-साथ सभी खेलों को सरकारों द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है. तब से इस क्षेत्र में लगातार युवाओं का रुझान बढ़ा है. ओजस प्रवीण को उम्मीद है कि निकट भविष्य में आर्चरी गेम्स में युवा बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे.
ये भी पढ़ें: ईटीवी भारत एक्सक्लूसिव: मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड विजेता चिराग शेट्टी ने की खास बातचीत, बताया सफलता का राज