दिल्ली

delhi

इंटरपोल महासभा को संबोधित करेंगे पीएम मोदी, संस्था के महासचिव दिल्ली में मौजूद

By

Published : Oct 17, 2022, 2:23 PM IST

Updated : Oct 18, 2022, 8:14 AM IST

भारत में इंटरपोल महासभा की बैठक 25 सालों के अंतराल के बाद हो रही है. पिछली बार यह बैठक 1997 में हुई थी. इंटरपोल के महासचिव नई दिल्ली में मौजूद हैं. मंगलवार को पीएम इसकी बैठक को संबोधित करेंगे. संस्था के महासचिव ने आज कई चौंकाने वाले आंकड़े भी दिए. उन्होंने बताया कि किस तरह से बच्चों के खिलाफ यौन अपराध में बढ़ोतरी हुई है.

interpol
इंटरपोल

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज राजधानी दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में आयोजित 90वीं इंटरपोल महासभा को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में सोमवार को यह जानकारी दी. इस महासभा में 195 देशों के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे. पीएमओ ने कहा कि इन प्रतिनिधियों में सदस्य देशों के मंत्री, पुलिस प्रमुख, केंद्रीय ब्यूरो के प्रमुख और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हैं.

महासभा, इंटरपोल का सर्वोच्च शासी निकाय है और साल में इसकी एक बार बैठक होती है. इस बैठक में इंटरपोल के कामकाज की समीक्षा की जाती है और महत्वपूर्ण फैसले भी लिए जाते हैं. बैठक में वित्तीय अपराधों और भ्रष्टाचार के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी. पीएमओ ने कहा कि भारत में इंटरपोल महासभा की बैठक 25 सालों के अंतराल के बाद हो रही है. पिछली बार भारत में यह महासभा 1997 में हुई थी. भारत की स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर इस बार की महासभा का आयोजन नयी दिल्ली में करने का विशेष मौका दिया गया है.

पीएमओ ने कहा कि यह आयोजन भारत की कानून और व्यवस्था के तंत्र से दुनिया को अवगत कराने का एक अवसर है. महासभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, इंटरपोल के अध्यक्ष अहमद नासर अल रईसी और उसके महासचिव महासचिव जुर्गन स्टॉक भी मौजूद रहेंगे. इंटरपोल की चार दिवसीय 90वीं महासभा के दौरान नशीले पदार्थों की तस्करी, बाल यौन शोषण, वित्तीय अपराध के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर विचार-विमर्श किया जाएगा.

महासभा में वैश्विक आतंकवाद पर भी मंथन होगा. इस संबंध में इंटरपोल के महासचिव जुर्गन स्टॉक ने कहा कि हम आतंकी संगठनों की गतिविधियों को साझा करते हैं. यह स्वीकार करते हुए कि वित्तीय धोखेबाज डिजिटलीकरण प्रक्रिया का उपयोग कर रहे हैं, अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन ने वित्तीय अपराध को सभी देशों में कानून लागू करने वाली एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में मान्यता दी है.

उन्होंने कहा कि कानून लागू करने वाली एजेंसियों के लिए क्रिप्टो करेंसी एक नई चुनौती है. क्योंकि कानून लागू करने वाली एजेंसियों को छोड़ने के लिए अपराधी क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं डिजिटाइजेशन और इंटरनेट के इस्तेमाल से इसमें शामिल लोगों को ट्रैक करना और उन्हें फंसाना ज्यादा मुश्किल होता जा रहा है. उन्होंने कहा कि कानून लागू करने वाली एजेंसियों को कानून तोड़ने वालों के खिलाफ एक कदम आगे रहना होगा. उन्होंने कहा कि हमें अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करना है और वास्तविक समय के आधार पर जानकारी साझा करना है.

ये भी पढ़ें - Interpol ने खालिस्तानी अलगाववादी नेता पन्नू के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की अपील लौटाई

Last Updated : Oct 18, 2022, 8:14 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details