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जानिए राजस्थान में क्यों किया गया इंटरनेट बंद - कई जिलों में पकड़े गए नकल गिरोह

राजस्थान में 2 दिन तक 4 पारियों में चलने वाली पटवारी भर्ती परीक्षा का आज पहला दिन था. पहली पारी की परीक्षा सुबह साढ़े 8 बजे शुरू हुई. 23 और 24 अक्टूबर को हो रही परीक्षा में महिला अभ्यर्थियों के लिए 24 अक्टूबर को करवा चौथ पर्व होने की वजह से आज परीक्षा का आयोजन किया गया. रीट (REET) के बाद इस परीक्षा में भी नेटबंदी के बावजूद फर्जी अभ्यर्थी और नकल गिरोह पकड़े गए.

पटवारी भर्ती परीक्षा
पटवारी भर्ती परीक्षा

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Published : Oct 23, 2021, 7:42 PM IST

जयपुर : राजस्थान में शनिवार और रविवार को एक बार फिर परीक्षा का महाकुंभ चल रहा है. इस बार पटवारी भर्ती परीक्षा (Patwari recruitment exam 2021) हो रही है. दो दिन तक चलने वाले इस परीक्षा की चार पारियों में 15 लाख 63 हजार अभ्यर्थी भाग ले रहे हैं. रीट के बाद अब पटवारी परीक्षा के लिए इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई है. पहले दिन पटवारी परीक्षा के दौरान राजस्थान के विभिन्न जिलों में फर्जी अभ्यर्थी पकड़े गए हैं.

देर रात किया गया नेटबंदी का ऐलान

परीक्षा में किसी भी प्रकार की नकल पर रोकथाम लगाने के लिए राजस्थान के कई जिलों में इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई. जयपुर संभागीय आयुक्त दिनेश कुमार यादव ने देर रात जयपुर और दौसा जिले में नेट बंद रखने का आदेश जारी किया. जारी आदेश के तहत दोनों जिलों में सुबह 6 से शाम 6 बजे तक इंटरनेट बंद किया गया. पटवारी परीक्षा दो पारियों में चली. पहली पारी की परीक्षा सुबह 8:30 से 11.00 और दूसरी पारी की परीक्षा दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक हुई. जयपुर और दौसा जिले में सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक 12 घंटे के लिए इंटरनेट बंद किया गया है.

परिक्षा के दौरान अफवाह रोकना है उद्देश्य

नेट बंद करने के पीछे संभागीय आयुक्त ने बताया कि इंटरनेट के जरिए पेपर के दौरान कई तरह की अफवाह फैलाने की आशंका रहती है, इससे कानून व्यवस्था बिगड़ने और शांति भंग होने का अंदेशा रहता है. इसलिए इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया गया है.

रीट के बाद अब पटवारी में भी नेटबंदी

बता दें, राजस्थान में पिछले कुछ समय से होने वाली परीक्षाएं विवादों में रही हैं. इससे पहले रीट भर्ती परीक्षा के दौरान सरकार ने तमाम तरह की सख्ती दिखाई और राजस्थान में नेट बंद रखा. लेकिन इसके बाद इस परीक्षा से जुड़ा पेपर लीक हो गया जिस पर अब तक विवाद जारी है. इस परीक्षा के दौरान राजस्थान के लगभग सभी हिस्सों में नेट बंद रखा गया था, लेकिन इसके बाद भी फर्जी अभ्यर्थी पकड़े गए थे. वहीं अब पटवारी भर्ती परीक्षा के लिए जयपुर समेत राजस्थान के करीब 10 जिलों में इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई है.

फिर भी कई जिलों में पकड़े गए नकल गिरोह

पटवारी भर्ती परीक्षा के दौरान प्रदेश के अलग-अलग जिलों से डमी और नकल करते हुए अभ्यर्थी पकड़े गए हैं. राज्य सरकार के तमाम दावों के बावजूद पटवारी भर्ती परीक्षा में पेपर बेचने और डमी गिरोह सक्रिय रहने के मामले सामने आए है. डूंगरपुर और कोटा में पटवारी परीक्षा में 2 डमी कैंडिडेट को पकड़े गए हैं. पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है. इसी प्रकार बीकानेर में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक मकान में छापा मारकर बड़ी संख्या में नकल सामग्री बरामद की गई. बीकानेर में पकड़े गए नकल गिरोह के तार भी रीट भर्ती परीक्षा जुड़े हुए हैं. वहीं जोधपुर में पटवारी परीक्षा का पेपर देने के नाम पर राशि वसूल करने वाले 5 लोगों को पुलिस ने पकड़ा है. इसी प्रकार भरतपुर में भी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 10 लोगों को गिरफ्तार किया है.

10 जिलों में एक भी सेंटर नहीं, गोपनीयता के लिहाज से लिया फैसला

इस बार 23 जिलों में ही परीक्षा करवाई जा रही है. सुरक्षा और गोपनीयता के लिहाज से 10 जिलों में एक भी सेंटर नहीं रखा गया. इसके साथ ही केवल जिला मुख्यालयों पर ही परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं. जिससे पुख्ता इंतजाम किए जा सकें. 10 जिलों में परीक्षा केंद्र नहीं बनाने के पीछे प्रशासनिक कारण हैं. इसमें अभ्यर्थियों की संख्या को भी ध्यान में रखा गया है. इसके साथ ही सुरक्षा उपायों और भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है.

पढ़ें :राजस्थान रीट परीक्षा 2021 : नकल गिरोह का भंडाफोड़, कई जिलों में पकड़े गए 'मुन्नाभाई'

सरकारी दावों की निकली हवा

राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड (Rajasthan Subordinate and Ministerial Services Selection Board - RSMSSB) की ओर से आयोजित इस परीक्षा को लेकर भी पुख्ता इंतजामात के दावे किये गए थे. लेकिन रीट परीक्षा की तरह इस परीक्षा के लिए भी सरकार को नेटबंदी का फैसला करना पड़ा. बड़ी बात ये है कि इस परीक्षा में भी तमाम सख्तियों के बावजूद डमी अभ्यर्थी और नकल गिरोह पकड़े जा रहे हैं. रीट परीक्षा में धांधली और नकल के मामले में राजस्थान पूरे देश में बदनाम हुआ. राजनीतिक टीका-टिप्पणी का दौर भी अभी तक चल रहा है. ऐसे में इस परीक्षा में बड़ी तादाद में नकलचियों और नकल गिरोहों का पकड़ा जाना सरकारी दावों की पोल खोलता है.

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