हैदराबाद :अंतरराष्ट्रीय कुटनीति में तटस्थता या गुटनिरपेक्ष होना बड़ी बात है. भारत शुरू से गुट निरपेक्षता नीति का समर्थक रहा है. संयुक्त राष्ट्र चार्टर का अनुच्छेद 2 सदस्य राष्ट्रों को अपने अंतरराष्ट्रीय विवादों को शांतिपूर्ण तरीकों से निपटाने के लिए धमकी व बल उपयोग से बचने के लिए बाध्य करता है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने संकल्प में उन दायित्वों की पुष्टि की है. तटस्थता के एजेंडे के बारे में राष्ट्रों को स्पष्ट संदेश देने व जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 12 दिसंबर को तटस्थता का अंतरराष्ट्रीय दिवस या इंटरनेशनल डे ऑफ न्यूट्रैलिटी के रूप में मनाया जाता है.
2 फरवरी 2017 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने तुर्कमेनिस्तान द्वारा पेश प्रस्ताव को बिना वोट के अपनाया था, जिसे 12 दिसंबर 1995 से संयुक्त राष्ट्र की स्थायी रूप से तटस्थ राज्य के रूप में मान्यता दी गई थी. इसमें शांति संरक्षण के एजेंडे को नोट किया गया था. इसी दौरान सतत विकास के लिए 12 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय तटस्थता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया.
संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव में यह भी रेखांकित किया गया कि कुछ राज्यों की तटस्थता की राष्ट्रीय नीतियां अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को मजबूत करने में योगदान दे सकती हैं और दुनिया के देशों के बीच पारस्परिक रूप से लाभप्रद संबंधों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं.