हैदराबाद :अंतरराष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस (International Coastal Cleanup Day-ICCD) की शुरुआत 1986 में अमेरिका स्थित वाशिंगटन राज्य के पश्चिमी तट पर किया गया था. आज ही के दिन सितंबर 1986 में ओसियन कंजरवेंसी (Ocean Conservancy) नामक संगठन की ओर से अंतर्राष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस की शुरूआत के बाद हर साल इस दिवस का आयोजन किया जाता है. ओसियन कंजरवेंसी एक संगठन है, जो समुद्र को आने वाली चुनौतियों से बचाने की दिशा में काम करता है. इसके बाद से हर साल सितंबर महीने के तीसरे शनिवार को अंतरराष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस मनाया जाता है. इस कारण इस 16 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस मनाया जा रहा है.
तटीय सफाई दिवस का उद्देश्य
अंतरराष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस का मुख्य उद्देश्य समुद्र, नदी या अन्य प्राकृतिक जल श्रोत को प्राकृतिक रूप से स्वच्छ रखना. जल श्रोतों के किनारे बेहतर कचरा प्रबंधन प्रणाली तैयार करना. इसमें सरकारी-सरकारी एजेंसियों, नीति निर्माताओं,स्थानीय नागरिकों, पर्यटकों, व्यापारियों को स्वच्छ जल श्रोतों के फायदे के बारे में जागरूक करना है. साथ ही पहले से मौजूद कचरों को जनभागिदारी से निपटारा करना है.
प्लास्टिक का उपयोग सबसे बड़ी समस्या
नीति आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया में 97-99 फीसदी प्लास्टिक जीवाश्म ईंधन फीड स्टॉक से प्राप्त होते हैं. मात्र 1-3 फीसदी बायो आधारित प्लास्टिक तैयार होता है. सन 1950 में मात्र 2 टन प्लास्टिक का उत्पादन हो रहा था. 2015 में यह उत्पादन 381 मिलियन टन तक पहुंच गया. वैश्विक आंकड़ों के अनुसार 2014-15 में प्रति व्यक्ति प्लास्टिक उत्पादन 28 किलोग्राम था. अनुमान के मुताबिक यह आंकड़ा 30 किलोग्राम प्रतिव्यक्ति तक पहुंच गया है.