बेंगलुरु : चुनाव के दौरान मतदाताओं को वोट देते समय नोटा का विकल्प दिया जाता है. मतदाता को जब चुनाव में किसी भी प्रत्याशी को वोट नहीं देने का मन होता है तो वह नोटा का विकल्प चुन सकता है. नोटा का मतलब उपरोक्त में से कोई नहीं है. चुनाव में सभी उम्मीदवारों के नाम के बाद अंतिम लाइन में नोटा का विकल्प होता है. नोटा मतदाताओं के लिए चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशियों के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करने का भी एक जरिया है. 2018 कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान 224 निर्वाचन क्षेत्रों में नोटा का इस्तेमाल किया गया था. हालांकि इस बार के चुनाव में भी नोटा वोटिंग बढ़ने की संभावना है. 2018 के विधानसभा चुनावों में करीब 3,22,381 मतदाताओं ने नोटा वोट का विकल्प चुना था. यानी नोट कुल वोट का 0.9% था. इस वजह से कई उम्मीदवारों की जीत-हार में उसकी अहम भूमिका थी.
इतना ही नहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में भी नोटा को वोट दिया गया था. इस दौरान करीब 2.57 लाख मतदाताओं ने नोटा को वोट दिया था और कई प्रत्याशियों को नकार दिया था. पिछले चुनाव में, नोटा ने कुल 108 निर्वाचन क्षेत्रों में से चौथा स्थान हासिल किया था.पिछली बार प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में औसतन 10-15 उम्मीदवार चुनाव लड़े थे,लेकिन तीन उम्मीदवारों के बाद इनमें से किसी को भी सबसे अधिक वोट नहीं मिले थे.
इसके अलावा पिछले विधानसभा चुनाव में कुल 108 विधानसभा क्षेत्रों में नोटा वोटों चौथे स्थान पर था. वहींकुल 14 निर्वाचन क्षेत्रों में से नोटा वोट तीसरे स्थान पर था. इन सीटों पर जीतने वाले और हारने वाले उम्मीदवारों के बाद सबसे ज्यादा नोटा के वोटों का बंटवारा हुआ था. कुछ राष्ट्रीय दलों और कुछ पंजीकृत राजनीतिक दलों की तुलना में नोटा का प्रचलन अधिक है.
बता दें कि राष्ट्रीय पार्टी बसपा के लिए हुए पिछले चुनाव में कुल 1,08,592 वोट पड़े थे. सीपीएम को कुल 81,191 और एनसीपी को 10,465 वोट मिले थे. जबकि प्रदेश की पार्टी जदयू को 46,635 वोट पाकर संतोष करना पड़ा था. बाकी पंजीकृत पार्टियों के लिए, कर्नाटक प्रज्ञावंता जनता पार्टी के लिए 74,229, स्वराज इंडिया पार्टी के लिए 79,400 और भारतीय प्रजा पार्टी के लिए 83,071 वोट डाले गए.लेकिन खास बात यह है कि नोटा को इन सभी पार्टियों से ज्यादा वोट मिले थे. नोटा में कुल 3,22,381 वोट पड़े. हार-जीत में नोटा का खेल साफ था कि क्योंकि पिछले राज्य विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर मामूली अंतर से हार-जीत हुई थी.