देहरादून : उत्तराखंड सरकार के एक आदेश पर विवाद पैदा हो गया है. टिहरी गढ़वाल के जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल द्वारा हस्ताक्षरित एक आदेश में कहा गया है कि 'राष्ट्रीय एकता की भावना को जीवित रखने और सामाजिक एकता को बनाए रखने के लिए अंतरजातीय तथा अंतर धार्मिक विवाह काफी सहायक सिद्ध हो सकते हैं'. जिसके बाद प्रदेश में अंतर धार्मिक विवाह प्रोत्साहन योजना को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया है. सोशल मीडिया पर 'लव जिहाद' के आरोप लगने के बाद उत्तराखंड सरकार अंतर धार्मिक विवाह प्रोत्साहन योजना में संशोधन करने जा रही है.
दरअसल, अंतरजातीय और अंतर धार्मिक विवाह को प्रोत्साहित करने को लेकर साल 1976 में उत्तर प्रदेश अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाह को प्रोत्साहन प्रदान करने संबंधी नियमावली, 1976 बनाया गया था. इसमें अंतरजातीय और अंतर धार्मिक विवाह करने वाले दंपति को प्रोत्साहन स्वरूप 10 हजार रुपये देने की घोषणा की गई थी. साल 2014 में तत्कालीन विजय बहुगुणा सरकार ने इस योजना के नियम-6 में पुरस्कार की धनराशि को संशोधित कर दिया था. इसके तहत उत्तराखंड में अंतरजातीय और अंतर धार्मिक विवाह करने वाले दंपती को 50 हजार रुपये का पुरस्कार दिए जाने का प्रावधान किया गया.