नई दिल्ली :गैंगस्टर-आतंकवादी गठजोड़ (Gangster Terrorist Nexus) रोकने के लिए खुफिया एजेंसियां, स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम के साथ जेलों में औचक चेकिंग की तरकीब तलाश रही हैं.
घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि एजेंसियों ने दिल्ली की तिहाड़ जेल से इस तरह की औचक जांच शुरू करने का विचार रखा है. इसकी वजह ये है कि तिहाड़ जेल के कई शीर्ष गैंगस्टर हाल के दिनों में कई घटनाओं में शामिल पाए गए हैं.
सूत्रों ने कहा कि 'इस तरह की औचक जांच मासिक आधार पर होगी और यह विशेष प्रकोष्ठ और अपराध शाखा की संयुक्त टीमों द्वारा की जाएगी.' इसी तरह का तलाशी अभियान हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य जेलों में भी चलाया जाएगा. एजेंसियां फोन का इस्तेमाल करते पाए जाने वाले कैदियों के लिए बढ़ी हुई सजा के प्रावधान पर भी विचार कर रही हैं.
सूत्रों ने कहा कि 'जेल परिसर में मोबाइल सिग्नल जैमर को अपग्रेड करने के अलावा रियल टाइम स्पेक्ट्रम एनालाइजर लगाने पर भी विचार किया जा रहा है.' खुफिया एजेंसियों का मानना है कि गैंगस्टर और आतंकवादी गठजोड़ की बढ़ती घटनाओं के बाद जेल के कैदियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना बहुत जरूरी है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस संवाददाता को बताया कि 'एजेंसी कुछ महीने पहले से ही इस पर विचार कर रही है कि क्या किया जा सकता है.'
दरअसल गैंगस्टर-आतंकवादी गठजोड़ पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद सामने आया. अब तक, NIA ने हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में स्थित शीर्ष गैंगस्टरों और उनके हथियार आपूर्तिकर्ताओं पर एजेंसी की कार्रवाई के तहत पांच दौर का तलाशी अभियान चलाया.
एनआईए अधिकारी ने कहा, 'हमने संगठित आपराधिक सिंडिकेट और नेटवर्क के आतंकी संगठनों और नेटवर्क से जुड़े पाए जाने के बाद उनके खिलाफ कई राज्यों में कार्रवाई शुरू की है.'
एनआईए पहले कह चुकी है कि गैंगस्टर जेलों के अंदर से अपना कारोबार संचालित करते रहते हैं. अधिकारी ने कहा कि 'उनका (गैंगस्टर) कारोबार हथियारों के सौदे और ड्रग्स रैकेट तक है, जहां से वह इसे ऑपरेट करते हैं.'
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने 9 जनवरी को स्टेज डीजीपी और प्रमुख सचिव (गृह) को एक पत्र जारी किया था जिसमें नशीले पदार्थों और ड्रग्स की तस्करी से संबंधित अपराधियों को अन्य कैदियों से अलग रखने के लिए कहा था. मंत्रालय ने सुझाव दिया कि ऐसे कैदियों को अन्य कैदियों के साथ घुलने मिलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
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