नई दिल्ली:वर्तमान स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को पूरी तरह से सशक्त बनाने के लिए 'आयुष' को मुख्यधारा की सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा में एकीकृत करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एकीकरण रोगी देखभाल के लिए अधिक व्यापक और समग्र दृष्टिकोण प्रदान कर सकता है, जिसमें पारंपरिक चिकित्सा और स्वास्थ्य देखभाल की आयुष प्रणाली दोनों की ताकत शामिल है. गुरुवार को नई दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया (Dr Mansukh Mandaviya) ने ये बात कही.
मंडाविया ने आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय आयुष मिशन कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा कि 'आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा के बीच सहयोग एक ही मंच पर चिकित्सा की कई प्रणालियों को स्थापित करने की दिशा में प्रयास कर रहा है, जिससे क्रॉस-रेफ़रल की सुविधा और चिकित्सा की विभिन्न प्रणालियों के सही एकीकरण को सक्षम किया जा सके.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण की सराहना करते हुए मंडाविया ने कहा कि 'भारत एक एकीकृत स्वास्थ्य नीति की दिशा में प्रयास करके अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को महत्वपूर्ण रूप से मजबूत कर रहा है, जिससे न केवल देश को बल्कि दुनिया को भी लाभ होगा.'
मंडाविया ने केंद्र सरकार के अस्पतालों में आयुष प्रणाली के एकीकरण पर जोर देते हुए कहा, 'वर्तमान स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को पूरी तरह से सशक्त बनाने के लिए, आयुष को मुख्यधारा की सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा में एकीकृत करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एकीकरण रोगी देखभाल के लिए अधिक व्यापक और समग्र दृष्टिकोण प्रदान कर सकता है, जिसमें पारंपरिक चिकित्सा और स्वास्थ्य देखभाल की आयुष प्रणाली दोनों की ताकत शामिल है.'
आयुर्वेद और पारंपरिक सिद्धांतों की विरासत के महत्व और प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि भारत की पारंपरिक चिकित्सा की विरासत स्वस्थता पर ध्यान देने के साथ स्वास्थ्य के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण की वकालत करती है और अपनाती है.