नई दिल्ली :उच्चतम न्यायालय ने अस्थायी पंजीकरण वाली कार की चोरी के दावे को खारिज करते हुए कहा कि अगर वाहन का वैध पंजीकरण नहीं है तो बीमा दावे से इनकार किया जा सकता है. न्यायमूर्ति यू यू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अगर पॉलिसी के नियमों और शर्तों का मौलिक उल्लंघन होता है तो बीमा राशि का दावा खारिज करने योग्य है.
न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा, ‘‘कानून के बारे में इस अदालत का मानना है कि जब एक बीमा योग्य घटना जिसके परिणामस्वरूप देयता हो सकती है, उसमें बीमा अनुबंध में निहित शर्तों का कोई मौलिक उल्लंघन नहीं होना चाहिए.
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के एक आदेश को चुनौती देने वाली यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई के दौरान ये टिप्पणियां की गईं, जिसने कंपनी की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था. पुनर्विचार याचिका में कंपनी ने राजस्थान राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, सर्किट बेंच, बीकानेर के आदेश को चुनौती दी थी.
मामले के अनुसार, राजस्थान निवासी सुशील कुमार गोदारा ने पंजाब में कहीं, अपनी बोलेरो कार के लिए बीमाकर्ता से एक बीमा पॉलिसी प्राप्त की, हालांकि, वह राजस्थान के श्रीगंगानगर का निवासी था.
जिस वाहन की बीमा राशि 6.17 लाख थी, उसका अस्थायी पंजीकरण 19 जुलाई 2011 को समाप्त हो गया था. चूंकि शिकायतकर्ता एक निजी ठेकेदार था, व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उसे शहर से बाहर रहना पड़ता था.