नई दिल्ली : दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट (Karkardooma Court) ने दिल्ली हिंसा (Delhi violence) के मामले में जेल में बंद उमर खालिद, शरजील इमाम, ताहिर हुसैन समेत UAPA के 18 आरोपियों के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई टाल दी है. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने 30 सितंबर को अगली सुनवाई का आदेश दिया.
आज सुनवाई के दौरान सभी आरोपी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए. सुनवाई के दौरान आरोपी नताशा नरवाल और देवांगन कलीता की ओर से वकील अदीत एस पुजारी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की प्रति देने की मांग वाली याचिका पर अभी तक दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने जवाब भी नहीं दिया है, जबकि ये आवेदन अप्रैल में ही दाखिल किया गया था.
दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अमित प्रसाद ने कहा कि दस्तावेज काफी ज्यादा हैं. उसमें कई सारे निजी डाटा हैं. अगर निजी सूचनाओं को अलग किए बिना ही सौंपा गया तो ये निजता का उल्लंघन होगा. बिना उनकी पड़ताल किए जवाब दाखिल नहीं किया जा सकता है.
सुनवाई के दौरान वकील तुषारिका मट्टू ने कहा कि कम से कम दिल्ली पुलिस उन दस्तावेजों की सूची तो दे सकती है, जिन पर वो भरोसा कर रहे हैं. तब अमित प्रसाद ने कहा कि वे प्रारंभिक जवाब दाखिल कर सकते हैं, लेकिन बिंदुवार जवाब अभी संभव नहीं है. वकील सौजन्य शंकरन ने कहा कि आरोपी के मोबाइल से आपने व्हाट्स ऐप चैट को हवाला बनाया है तो उसकी प्रति भी दीजिए.
इसका जवाब देते हुए अमित प्रसाद ने कहा कि जांच के मध्य में दस्तावेज नहीं दिए जा सकते हैं. तब कोर्ट ने पूछा कि फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट कब तक आएगी. तब अमित प्रसाद ने कहा कि इसकी जानकारी कोर्ट को दी जाएगी. तब कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि सुनवाई की अगली तिथि तक आप ये बताएं कि फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट कब तक आएगी नहीं तो हम कुछ आदेश पारित कर सकते हैं.
बता दें कि इस मामले में चार आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. पिछले दो मार्च को कोर्ट आरोपियों की खिलाफ दायर तीसरे पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि संज्ञान लेने के पहले ही चार्जशीट लीक हो जा रही है.