दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

दिल्ली हिंसा: इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के फोरेंसिक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा के मामले में जेल में बंद उमर खालिद, शरजील इमाम, ताहिर हुसैन समेत यूएपीए के 18 आरोपियों के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई टाल दी है.

दिल्ली हिंसा
दिल्ली हिंसा

By

Published : Sep 10, 2021, 3:43 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट (Karkardooma Court) ने दिल्ली हिंसा (Delhi violence) के मामले में जेल में बंद उमर खालिद, शरजील इमाम, ताहिर हुसैन समेत UAPA के 18 आरोपियों के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई टाल दी है. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने 30 सितंबर को अगली सुनवाई का आदेश दिया.

आज सुनवाई के दौरान सभी आरोपी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए. सुनवाई के दौरान आरोपी नताशा नरवाल और देवांगन कलीता की ओर से वकील अदीत एस पुजारी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की प्रति देने की मांग वाली याचिका पर अभी तक दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने जवाब भी नहीं दिया है, जबकि ये आवेदन अप्रैल में ही दाखिल किया गया था.

दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अमित प्रसाद ने कहा कि दस्तावेज काफी ज्यादा हैं. उसमें कई सारे निजी डाटा हैं. अगर निजी सूचनाओं को अलग किए बिना ही सौंपा गया तो ये निजता का उल्लंघन होगा. बिना उनकी पड़ताल किए जवाब दाखिल नहीं किया जा सकता है.

सुनवाई के दौरान वकील तुषारिका मट्टू ने कहा कि कम से कम दिल्ली पुलिस उन दस्तावेजों की सूची तो दे सकती है, जिन पर वो भरोसा कर रहे हैं. तब अमित प्रसाद ने कहा कि वे प्रारंभिक जवाब दाखिल कर सकते हैं, लेकिन बिंदुवार जवाब अभी संभव नहीं है. वकील सौजन्य शंकरन ने कहा कि आरोपी के मोबाइल से आपने व्हाट्स ऐप चैट को हवाला बनाया है तो उसकी प्रति भी दीजिए.

इसका जवाब देते हुए अमित प्रसाद ने कहा कि जांच के मध्य में दस्तावेज नहीं दिए जा सकते हैं. तब कोर्ट ने पूछा कि फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट कब तक आएगी. तब अमित प्रसाद ने कहा कि इसकी जानकारी कोर्ट को दी जाएगी. तब कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि सुनवाई की अगली तिथि तक आप ये बताएं कि फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट कब तक आएगी नहीं तो हम कुछ आदेश पारित कर सकते हैं.

बता दें कि इस मामले में चार आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. पिछले दो मार्च को कोर्ट आरोपियों की खिलाफ दायर तीसरे पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि संज्ञान लेने के पहले ही चार्जशीट लीक हो जा रही है.

पढ़ें :तीन दिन बाद करनाल में इंटरनेट सेवाएं बहाल, क्या खत्म हो जाएगा किसानों का धरना?

कोर्ट ने कहा था कि संज्ञान लेने के पहले चार्जशीट लीक होने का ट्रेंड परेशान करने वाला है. मीडिया की रिपोर्टिंग खासकर सोशल मीडिया पर हमेशा इसकी चर्चा होती रहती है. कोर्ट ने कहा था कि मीडिया खबरों को कवर करने के लिए स्वतंत्र है लेकिन उन्हें अपने रुख को लेकर सावधान रहना चाहिए.

पिछले 25 फरवरी को स्पेशल सेल ने तीसरी पूरक चार्जशीट दाखिल की थी. तीसरी पूरक चार्जशीट में फोरेंसिक साक्ष्यों और दूसरे तकनीकी परीक्षणों को आधार बनाया गया है. चार्जशीट में बताया गया है कि दंगों के लिए कैसे साजिश रची गई. दंगों की साजिश रचने वालों ने एक साजिश तहत दंगों के दौरान कई इलाकों के सीसीटीवी कैमरे तोड़े थे.

सीसीटीवी तोड़ने वालों की पहचान की गई है. इन दंगों में साजिश रचने के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अब तक 18 लोगों को आरोपी बनाया है. इन 18 में से एक आरोपी सफूरा जरगर के अलावा सभी आरोपी जेल में बंद हैं. सफूरा जरगर को मानवीय आधार पर हाईकोर्ट से जमानत मिली थी.

बता दें कि 24 नवंबर 2020 को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ 22 नवंबर 2020 को पूरक चार्जशीट दाखिल किया गया था. पूरक चार्जशीट में स्पेशल सेल ने UAPA समेत IPC की धारा 120बी के साथ कई धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं.

इस मामले में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है. उनमें सफूरा जरगर, ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा, शफा उर रहमान, आसिफ इकबाल तान्हा, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अतहर खान, शरजील इमाम, फैजान खान, नताशा नरवाल और देवांगन कलीता शामिल हैं. इनमें सफूरा जरगर, आसिफ इकबाल तान्हा, देवांगन कलीता और नताशा नरवाल को जमानत मिल चुकी है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details