बेतिया: बिहार के बेतिया में मधुमक्खियों ने पूरे शहर को जला दिया. जरा सोचिए, अगर थाने के कैंपस में ही किसी हवलदार की मॉबलिंचिंग (Hawaldar Mob lynching) कर दी जाए तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे इलाके में लॉ एंड ऑर्डर कैसा रहा होगा? सवाल यही उठता है कि ये सबकुछ हुआ क्यों? कैसे बेतिया का यह इलाका घंटों जलता रहा? पश्चिम चंपारण ऐसा सुलगा कि उसकी आंच अब तक बरकरार है. फिलहाल हवाओं में खामोशी है. लेकिन सड़क पर जलकर खाक हुई गाड़ियां, पीट-पीटकर मौत के घाट उतारे गए हवलदार की लाश और सड़कों पर बिखरे पत्थर गवाही दे रहे हैं कि शनिवार को बलथर थाने में क्या हुआ था?
ईटीवी भारत के पास सीसीटीवी फुटेज: बिहार का बेतिया जिले में होली के दिन बलथर थाना (Balthar police station case) में अनिरुद्ध यादव की पुलिस पिटाई से मौत (Death case in police custody in Bettiah) नहीं हुई बल्कि मधुमक्खियों के काटने से हुई थी. ये दावा किया है बेतिया पुलिस कप्तान उपेंद्र नाथ वर्मा ने. ईटीवी भारत को मौके से सीसीटीवी फुटेज हाथ लगे हैं, जिसमें युवक अनिरुद्ध यादव दिखाई दे रहा है, वो चापाकल के पास पानी पीते दिख रहा है. ठीक उसी वक्त पानी पीने रहे अनिरुद्ध यादव पर मधुमक्खियों ने हमला कर दिया. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह अनिरुद्ध यादव भागकर बाइक की ओट में छिप रहा है. इसी बीच, एक पुलिसकर्मी उसकी ओर कंबल फेंकता है, जिसे ओढ़कर वह अपनी जान बचा रहा है.
इस मामले पर उपेन्द्र नाथ वर्मा, पुलिस अधीक्षक, बेतिया ने कहा कि, 'उग्र भीड़ के हमले में थाने में बहुत कुछ तोड़ फोड़ दिया गया, लेकिन अभी भी डीबीआर सुरक्षित होने से हम सीसीटीवी देख पा रहे हैं. सीसीटीवी में साफ देखा जा सकता है कि अनिरुद्ध यादव पर मधुमक्खियों ने हमला किया था, लेकिन थाने के कर्मचारियों ने उसे बचाया भी था. सीसीटीवी से फुटेज खंगाले जा रहे हैं, आगे की कार्रवाई उसी आधार पर की जाएगी.'
जिस पुलिसवालों ने जान बचाई उन्हीं की जान पर बन आई: जिन पुलिसवालों ने मधुमक्खियों के हमले से जान बचाई उन्हीं पुलिसवालों पर युवक को जान से मारने का इल्जाम लगाकर पूरे बलथर के साथ बेतिया को सुलगा दिया. उग्र भीड़ तक पहुंची खबर पूरी तरह से अफवाह का रूप ले चुकी थी. हर कोई ईंट पत्थर, डंडा लेकर बलथर थाने को घेरने पहुंच गया. इतनी बड़ी संख्या में आती भीड़ को देखकर बलथर थाने से पुलिसकर्मी जानबचाकर भागने लगे. लेकिन भीड़ के हाथ में जो लगा उसे तहसनहस किया. अग्निशमन की गाड़ी में आग लगा दी गई. पुलिस की गाड़ी फूंक दी गई. और तो और, थाने में खड़ी दूसरी प्राइवेट गाड़ियों को भी लोगों ने नहीं बख्शा.
वही घटना केचश्मदीद पुलिसकर्मी दीपक पटेल ने बताया कि,'अनिरुद्ध यादव गाड़ी लेकर थाने में आए और गाड़ी खड़ी करके पानी पीने लगे. तभी मधुमक्खी के झुंड ने उनपर हमला कर दिया. हम दौड़कर कंबल लेकर आए और उसपर फेंका कि कंबल ओढ़ लो. कंबल ओढ़ने से मधुमक्खियों के हमले से वो बच गया. फिर उसे इलाज के लिए सिकटा अस्पताल लेकर गए.'
सादी वर्दी में थाने से भागे पुलिसकर्मी : पुलिस के सामने दो बड़ी चुनौती थी. पहली अफवाह को रोकना और दूसरी उग्र भीड़ पर काबू पाना. एसपी ने मौके की नजाकत को समझते हुए खुद मोर्चा संभाला और लगभग 2 हजार जवानों के साथ रातभर कैंप किया. मौके पर पहुंचकर लोगों को बताया कि अनिरुद्ध की मौत पुलिस कस्टडी में पिटाई से नहीं बल्कि मधुमक्खी के काटने से हुई है. लेकिन इतनी देर में उग्र भीड़ बड़ी अनहोनी को अंजाम दे चुकी थी. एक चश्मदीद पुलिसकर्मी ने बताया कि सभी पुलिसकर्मी सादी वर्दी में भाग निकले लेकिन भीड़ ने मौके पर एक हवलदार राम जतन सिंह, जो कि वर्दी में थे, उन्हें पकड़ लिया और थाना परिसर में ही उसे इतना पीटा की उसकी मौत हो गई. इस घटना में कई अन्य पुलिसकर्मी घायल भी हो गए.