नई दिल्ली:आईएनएस सतपुड़ा और भारतीय नौसेना का पी8आई समुद्री गश्ती विमान 12 सितंबर को रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना द्वारा आयोजित बहुराष्ट्रीय अभ्यास काकाडू- 2022 में भाग लेने के लिए ऑस्ट्रेलिया के डार्विन पहुंचे. बंदरगाह और समुद्र दोनों में दो सप्ताह तक चलने वाले इस अभ्यास में 14 नौसेनाओं के जहाज और समुद्री विमान शामिल हैं. अभ्यास के बंदरगाह चरण के दौरान, जहाज के चालक दल भाग लेने वाली नौसेनाओं के साथ परिचालन योजना बातचीत और खेल गतिविधियों में संलग्न होंगे.
आईएनएस सतपुड़ा एक स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित 6000 टन निर्देशित मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट है जो हवा, सतह और पानी के नीचे विरोधियों को तलाशने और नष्ट करने के लिए सुसज्जित है. विशाखापत्तनम में स्थित पूर्वी बेड़े की एक फ्रंटलाइन इकाई, आईएनएस सतपुड़ा को भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में लंबी दूरी की परिचालन तैनाती का काम सौंपा गया है.
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भारतीय युद्धपोत आईएनएस सतपुड़ा अभी हाल ही में चर्चा में रहा था. इस युद्धपोत ने सितंबर महीने के पहले हफ्ते में ही अपनी फिजी यात्रा का समापन किया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये एक सितंबर को फिजी पहुंचा था. भारतीय नौसेना की ओर से जारी बयान के मुताबिक युद्धपोत की यात्रा का मकसद भारत और फिजी के बीच संबंधों और सहयोग को और मजबूत करना था. आईएनएस सतपुड़ा इंडियन नेवी में शामिल शिवालिक क्लास का स्टील्थ मल्टी-रोल फ्रिगेट है. ये युद्धपोत पहले के तलवार क्लास के वॉरशिप की तुलना में एडवांस्ड स्टील्थ फीचर से लैस है.
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आईएनएस सतपुड़ा जमीन, नभ और पानी के नीचे दुश्मनों को तलाशने और तबाह करने के लिए पूरी तरह से सक्षम है. ये वॉरशिप तीन सितंबर को फिजी के सुवा बंदरगाह से दक्षिण प्रशांत महासागर के लिए रवाना हुआ. इससे पहले इस युद्धपोत ने इंडियन नेवी द्वारा दुनिया के सभी 6 बसे हुए महाद्वीपों में जहाजों की तैनाती के हिस्से के तौर पर आजादी के 75 साल का जश्न मनाने के लिए नॉर्थ अमेरिकी महाद्वीप पर सैन डिएगो में तिरंगा फहराया था.