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INLD India Alliance: क्या इनेलो बनेगी I.N.D.I.A. गठबंधन का हिस्सा? जानें हरियाणा की राजनीति पर कितना पड़ेगा असर

INLD India Alliance: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी दलों ने तैयारी तेज कर दी है. 25 सितंबर को इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ताऊ देवी लाल की जयंती मनाएगी. माना जा रहा है कि इंडिया गठबंधन के बड़े नेता इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. जिसके बाद इनेलो इंडिया गठबंधन का हिस्सा बन सकती है. अगर ऐसा होता है, तो जानें हरियाणा की राजनीति पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 2, 2023, 8:28 AM IST

Updated : Sep 2, 2023, 9:46 AM IST

क्या इनेलो बनेगी I.N.D.I.A. गठबंधन का हिस्सा? जानें हरियाणा की राजनीति पर कितना पड़ेगा असर

चंडीगढ़: इंडियन नेशनल लोकदल क्या इंडिया गठबंधन में शामिल हो सकती है? ये सवाल इसलिए क्योंकि इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने पहले तो तीसरा मोर्चा बनाने की बात कही. इसके बाद उन्होंने बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से गठबंधन की इच्छा भी जाहिर की. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द इनेलो इंडिया गठबंधन का हिस्सा बन सकती है.

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25 सितंबर को ताऊ देवीलाल की जयंती: 25 सितंबर को इंडियन नेशनल लोकदल हर साल की तरह इस साल भी बड़े पैमाने पर ताऊ देवी लाल की जयंती मनाएगी. पार्टी के एकमात्र विधायक और वरिष्ठ नेता अभय चौटाला ने 24 फरवरी को नूंह से पदयात्रा शुरू की थी. इस पदयात्रा का समापन 25 सितंबर को चौधरी देवीलाल की जयंती पर कुरुक्षेत्र में होगा. चर्चा है कि इस बार ताऊ देवीलाल की जयंती पर अभय चौटाला विपक्षी नेताओं को मंच पर लाने की तैयारी कर रहे हैं.

साल 2022 में इनेलो ने फतेहाबाद में ताऊ देवीलाल की जयंती का कार्यक्रम रखा था. इस दौरान कई दिग्गज नेता कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, माकपा नेता सीताराम येचुरी, पंजाब के उपमुख्यमंत्री रहे सुखबीर सिंह बादल और जनता दल यूनाइटेड के नेता केसी त्यागी भी शामिल थे. अब ये सभी नेता इंडिया गठबंधन के बैनर तले खड़े हैं. अगर ये नेता अब 25 सितंबर 2023 को कार्यक्रम में शिरकत करेंगे, तो इनेलो इंडिया गठबंधन में अपनी भूमिका को भी पुख्ता करना चाहेगी.

इंडिया गठबंधन पर अभय चौटाला: इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनने के सवाल पर अभय चौटाला ने कहा कि हम 25 सितंबर को ताऊ देवीलाल की जयंती पर रैली का आयोजन कर रहे हैं. इसके लिए सभी को निमंत्रण है और आप देखना, सारी चीजें आपके आंखों के सामने होंगी. जो इंडिया गठबंधन के हिस्सेदार हैं. वो सभी वहां मौजूद होंगे. इसकी शुरुआत चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने फतेहाबाद की रैली से की थी. इस रैली में सभी नेताओं ने कहा था कि हम इसके लिए प्रयास करेंगे. इसके बाद ही नीतीश कुमार ने इसके लिए प्रयास शुरू किए. आज इंडिया गठबंधन में विपक्ष के बहुत से नेता इकट्ठा हुए हैं.

इंडिया गठबंधन पर भूपेंद्र हुड्डा: इंडियन नेशनल लोकदल के इंडिया गठबंधन और ताऊ देवीलाल के कार्यक्रम में शामिल होने के सवाल पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि अगर कोई बुलाएगा आएगा, तो ही वो कुछ कह सकते हैं. जहां तक बात इनेलो के इंडिया गठबंधन में शामिल होने की है, तो उसका जवाब मैं नहीं दे सकता. जो लोग वहां शामिल हैं, वो ही उसका फैसला करेंगे.

बीजेपी और जेजेपी की राय: हरियाणा सरकार में मीडिया सचिव प्रवीण अत्रे ने इस मुद्दे पर कहा कि अभी तक तो इनेलो को गठबंधन में शामिल होने का निमंत्रण नहीं मिला है, जब इनेलो गठबंधन का हिस्सा बनेगी, तो वो उस पर कोई प्रतिक्रिया दे पाएंगे. ऐसा ही कुछ जननायक जनता पार्टी के मीडिया कोऑर्डिनेटर दीपकमल सहारण ने कहा. उन्होंने कहा कि अभी इनेलो इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं बनी है, इसलिए अभी उसे पर कोई प्रतिक्रिया देना सही नहीं है.

इनेलो का इंडिया गठबंधन में शामिल होने पर हरियाणा की सियासत पर क्या असर पड़ेगा? राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह ने कहा कि अभी तो ये साफ नहीं है कि क्या इंडिया गठबंधन इनेलो को साथ लेगा या नहीं? उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर अभी तमाम दलों का लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन हुआ है. प्रादेशिक स्तर पर अभी भी कई राज्यों में तस्वीर साफ नहीं हो पाई है. इसका साफ उदाहरण अभी भी आम आदमी पार्टी के तौर पर ही देखा जा सकता है.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर भले ही आप गठबंधन में शामिल हो, लेकिन प्रदेश स्तर पर यानी दिल्ली हो या पंजाब में कांग्रेस और आप की स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है. नेता अभी भी एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. वहीं अगर हरियाणा की दृष्टि से इनेलो अगर गठबंधन में शामिल भी हो जाती है, तो उसका वर्तमान में फायदा कांग्रेस से ज्यादा इनेलो को हो सकता है, क्योंकि इनेलो अभी मात्र एक विधायक वाली पार्टी है, तो वो गठबंधन में शामिल होकर उसका लाभ उठाने की कोशिश करेगी.

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हरियाणा विधानसभा और लोकसभा सीटों की स्थिति: वर्तमान में हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों में से बीजेपी के 41 विधायक हैं, जबकि सत्ता में सहयोगी दल जननायक जनता पार्टी के 10 विधायक हैं. इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी के 30 विधायक हैं. इनेलो का एक और हरियाणा लोकहित पार्टी का एक विधायक है. बाकी सात निर्दलीय हैं, जबकि लोकसभा की सभी दस सीटें बीजेपी के पास हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का वोट प्रतिशत भी 58.21 था, जबकि कांग्रेस का वोट प्रतिशत 28.51 रहा. उस वक्त की नई पार्टी रही जेजेपी को 4.9, बहुजन समाज पार्टी को 3.65, इंडियन नेशनल लोकदल को 1.9, निर्दलीय 1.07 प्रतिशत और नोटा को 0.33 वोट मिले थे.

Last Updated : Sep 2, 2023, 9:46 AM IST

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