धमतरी: देशभर में तलाक का मुद्दा पिछले कुछ समय से चर्चा में रहा है. तलाक को लेकर कई तरह के मामले भी सामने आए हैं. समय इतना आगे निकल गया है कि जिन रिश्तों में गर्माहट होती थी अब टूटने में एक पल नहीं लगता. शादी को मजबूत बंधन कहा जाता था लेकिन अब तो मैरिज के कुछ ही महीनों बाद तलाक की नौबत आ जाती है. धमतरी के जज का ऑडिया का नतीजा यह रहा कि बहुत से कपल्स ने तलाक लेने से इंकार कर दिया है. रिश्तों को बचाने में जज ने अहम भूमिका निभाई है. जज ने बुजुर्ग महिला को न्याय दिलाया है तो वहीं कई साल से अलग रह रहे दंपति को एक करवाया है. बुजुर्ग ने जज को आशीर्वाद दिया. तलाक के लिए पहुंचे दंपति ने एक दूसरे को माला पहनाकर जीवन एक साथ बिताने की कसम खाई है.
जज ने पेश की नजीर:धमतरी की अदालत में शनिवार को ऐसी तस्वीर देखने को मिली जो कभी नहीं देखी गई होगी.दरअसल न्यायाधीश के न्याय के सामने मुजरिम हो या मुलजिम सभी को नतमस्तक होना पड़ता है. लेकिन अगर न्यायाधीश अदालत में फरियादी का आशीर्वाद लेने लगे. तो निश्चित तौर पर ये रेयरेस्ट ऑफ रेयर नज़ारा कहा जायेगा. शनिवार को लगे नेशनल लोक अदालत में कुछ ऐसा ही हुआ. लोक अदालत में कुटुम्ब विवाद के मामलों की सुनवााई हो रही थी. जज थे विनोद कुमार. एक वृद्ध महिला को उसका बेटा भरण पोषण नही दे रहा था. मां के लाख गुहार लगाने पर भी बेटा सुन नही रहा था. बुजुर्ग महिला का और कोई सहारा नही था. महिला ने कोर्ट से मदद मांगी. जज ने उसके बेटे को कुछ ऐसा समझाया कि बेटा अब अपनी मां को 3 हजार रुपये हर महीने देने को राजी हो गया. इस राजीनामे से बुजुर्ग महिला इतनी अभिभूत हो गई. जज विनोद कुमार को जी भर के आशीर्वाद देने लगी. अपनी मां की उम्र की महिला की भावना का आदर करते हुए जज विनोद कुमार अपनी कुर्सी से उतरकर महिला का आशीर्वाद लेने हाथ जोड़ कर खड़े हो गए.