हैदराबाद : भारत विरोधी एजेंडा चलाने के आरोप में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 20 यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया है. मंत्रालय ने दो वेबसाइटों पर भी कार्रवाई की है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक खुफिया विभाग ने इन चैनलों के खिलाफ रिपोर्ट सौंपी थी. सूत्र बताते हैं कि ये वेबसाइट पाकिस्तान से दिशानिर्देश ले रहे थे. उनका मकसद भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करना था.
इनका मुख्य मकसद सेना, कश्मीर और अल्पसंख्यकों को लेकर भ्रम खड़ा करना था. इनके खिलाफ सुनियोजित तरीके से प्रसारित किए जा रहे थे.
मंत्रालय की रिपोर्ट में बताया गया है कि इन चैनलों के 35 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर थे. उनके वीडियो को 50 करोड़ से अधिक बार देखा गया. किसान आंदोलन और सीएए के खिलाफ चले विरोध को अधिक उग्रता से यहां पर दिखाया जा रहा था. इस रिपोर्ट के अनुसार इन चैनलों ने जनरल बिपिन रावत और राम मंदिर पर भी झूठी खबरें प्रायोजित की हैं.
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस मामले पर यह प्रतिक्रिया दी है.
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने वीडियो संदेश में कहा कि 20 यूट्यूब चैनलों और दो वेबसाइटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है, क्योंकि वे भारतीय कानूनों का उल्लंघन कर फर्जी समाचार और भारत विरोधी सामग्री चलाकर भारत में भय और भ्रम का माहौल पैदा कर रहे थे.
मंत्री ने कहा, 'उनके (चैनल और वेबसाइट) खिलाफ आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) नियमों के तहत कार्रवाई की गई है, ताकि पाकिस्तान भारत के खिलाफ जो एजेंडा चलाता है (उस पर अंकुश लगे)... उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है ताकि ऐसी ताकतें भारत के खिलाफ काम न करें.'
मंत्री ने अपने ट्वीट में भी कहा कि फर्जी खबरें और दुष्प्रचार फैलाकर भारत में अशांति फैलाने के उद्देश्य से सीमा पार से हो रहीं गतिविधियों के खिलाफ हमने सख्त कार्रवाई की है.
मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि भारत विरोधी दुष्प्रचार में पाकिस्तान से संचालित नया पाकिस्तान समूह (एनपीजी) शामिल है, जिसके पास विभिन्न यूट्यूब चैनल का एक नेटवर्क है. इसमें कहा गया कि कुछ अन्य यूट्यूब चैनल भी हैं, जो एनपीजी से संबंधित नहीं हैं.
इसमें कहा गया, 'खुफिया एजेंसियों तथा सूचना और प्रसारण मंत्रालय के बीच एक समन्वित प्रयास में, मंत्रालय ने इंटरनेट पर भारत विरोधी दुष्प्रचार और फर्जी खबरें फैला रहे 20 यूट्यूब चैनल तथा दो वेबसाइट को अवरुद्ध करने का सोमवार को आदेश दिया.'
बयान में कहा गया कि दो अलग-अलग आदेशों में से एक आदेश में यूट्यूब को 20 यूट्यूब चैनलों को अवरुद्ध करने का निर्देश दिया गया है तथा दूसरा आदेश दो समाचार वेबसाइट को अवरुद्ध करने से संबंधित है, जिसमें दूरसंचार विभाग से समाचार चैनल/ पोर्टल को अवरुद्ध करने के लिए इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.
मंत्रालय ने उन 20 यूट्यूब चैनलों की सूची साझा की, जिन्हें अवरुद्ध करने का आदेश दिया गया है और साथ ही उन पर चलाई गई कुछ तथ्यात्मक रूप से गलत तथा भारत विरोधी सामग्री के स्क्रीन शॉट् भी साझा किए. इसने कहा कि उनके पास 35 लाख से अधिक लोगों का संयुक्त ग्राहक आधार था और उनके वीडियो को 55 करोड़ से अधिक बार देखा गया.
इसने कहा है कि नया पाकिस्तान समूह (एनपीजी) के कुछ यूट्यूब चैनल पाकिस्तानी समाचार चैनलों के एंकर द्वारा संचालित किए जा रहे थे.
इसने कहा कि यह भी आशंका थी कि इन यूट्यूब चैनल का इस्तेमाल पांच राज्यों में आगामी चुनावों की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने के वास्ते सामग्री पोस्ट करने के लिए किया जाएगा.
मंत्रालय ने कहा कि उसने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के नियम 16 के तहत निहित आपातकालीन शक्तियों का उपयोग करते हुए 20 यूट्यूब चैनलों और दो वेबसाइट को अवरुद्ध करने का आदेश देकर भारत में सूचना स्थान को सुरक्षित करने के लिए काम किया है.
इसने कहा कि अधिकांश सामग्री राष्ट्रीय सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य में संवेदनशील विषयों से संबंधित है और तथ्यात्मक रूप से गलत है. बयान में कहा गया कि इस तरह की सामग्री को मुख्य रूप से पाकिस्तान से भारत के विरुद्ध एक समन्वित दुष्प्रचार नेटवर्क (जैसा कि नया पाकिस्तान समूह के मामले में) के रूप में पोस्ट किया जा रहा था और इसलिए, मंत्रालय ने आपात स्थिति में सामग्री को अवरुद्ध करने के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करना उपयुक्त समझा.
सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा कि 20 यूट्यूब चैनलों में से 15 एनपीजी द्वारा चलाए जा रहे थे.
मंत्रालय द्वारा साझा किए गए विवरण के अनुसार, जिन 20 यूट्यूब चैनलों को अवरुद्ध करने का आदेश दिया गया है, उनमें द पंच लाइन, इंटरनेशनल वेब न्यूज, खालसा टीवी, द नेकेड ट्रुथ, 48 न्यूज, फिक्शनल, हिस्टोरिकल फैक्ट्स, पंजाब वायरल, नया पाकिस्तान ग्लोबल, कवर स्टोरी, गो ग्लोबल ईकॉमर्स, जुनैद हलीम ऑफिशियल, तैयब हनीफ, जैन अली ऑफिशियल, मोहसिन राजपूत ऑफिशियल कनीज फातिमा, सदफ दुर्रानी, मियां इमरान अहमद और नजम उल हसन बाजवा शामिल हैं.
बयान के अनुसार, इन यूट्यूब चैनलों पर दिखाई गई तथ्यात्मक रूप से गलत सामग्री में 'जो बाइडन ने मोदी पर प्रतिबंध लगाए क्योंकि आरएसएस ने ईसाई स्कूलों को नष्ट कर दिया', 'पीएम मोदी ने कश्मीर में हार मान ली-अनुच्छेद 370 बहाल', 'श्रीनगर में भारतीय सेना के 200 जवानों ने इस्लाम स्वीकार किया, '5000 असम मुस्लिम अफगान तालिबान में शामिल' और 'पाकिस्तान के युद्धक जेट कश्मीर में प्रवेश किया-परमाणु युद्ध की शुरुआत' जैसी चीजें भी शामिल हैं.
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