नई दिल्ली : संसद के बजट सत्र में 13वें दिन (दूसरे चरण में) महंगाई का मुद्दा उठाया गया. शुक्रवार को उच्च सदन में शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के जॉन ब्रिटास ने कहा कि प्रति दिन पेट्रोल व डीजल की कीमतें बढ़ रही (fuel price hike) हैं और इसकी वजह से जनता महंगाई से त्रस्त है. उन्होंने कहा कि आम आदमी का जीवन कष्टकर हो गया है और आज से 800 से अधिक दवाओं की कीमतों में 'अप्रत्याशित वृद्धि' लागू हो जाएगी. उन्होंने कहा, 'दवाओं की कीमतों में एक साथ इतनी बड़ी वृद्धि कभी नहीं की गई. सरकार को इन कीमतों को वापस लेना चाहिए.'
ब्रिटास ने कहा कि कोई भी संवेदनशील सरकार होती तो इस स्थिति से बचती लेकिन यह सरकार आम जनता के प्रति असंवेदनशीलता बरत रही है क्योंकि जरूरी दवाओं की कीमतों में सीधे 11 प्रतिशत की वृद्धि कर दी गई है. शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि पेट्रोल, डीजल से लेकर खाना तथा भोजन पकाना भी महंगा हो गया है. उन्होंने कहा, 'अब तो महंगाई के दर्द की दवा जरूरी हो गई है. क्योंकि प्रतिदिन महंगाई बढ़ रही है.'उन्होंने कहा कि स्वस्थ जीवन का अधिकार हर किसी को है और दवाएं इसका अभिन्न हिस्सा है लेकिन अब लोगों के मौलिक अधिकारों का भी हनन हो रहा है. उन्होंने कहा, 'मैं आपसे आग्रह करती हूं कि असंवेदनशील सरकार जो हर दिन महंगाई बढ़ा रही है, कम से कम जरूरी दवाओं की कीमतों से जनता को राहत दे.'
कोरोना के खिलाफ लड़ाई : इससे पहले भाजपा के दीपक प्रकाश ने योग को केंद्र सरकार के कौशल विकास कार्यक्रम में शामिल करने की मांग की और कहा कि इससे बड़ी संख्या में योग शिक्षकों को रोजगार मिल सकता है.उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की वजह से योग की अंतरराष्ट्रीय पहचान मजबूत हुई है और कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भी योग की बहुत बड़ी भूमिका रही. उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में देश व दुनिया के विभिन्न हिस्सों में योग शिक्षकों का मांग भी बढ़ी है. प्रकाश ने सरकार से योग को और अधिक प्रचारित और प्रसारित करने की मांग की.