दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

मुद्रास्फीति वहनीय स्तर पर, रोजगार सृजन और वृद्धि सरकार की प्राथमिकता: सीतारमण - सीतारामन ने इंडिया आइडियाज समिट में भाग लिया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitaraman) ने बुधवार को कहा कि मुद्रास्फीति कम होकर सहन करने योग्य हो गई है. सीतारमण इंडिया आइडियाज समिट (India Ideas Summit) में शिरकत करने पहुंची थीं, जहां उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन और धन का समान वितरण वे अन्य क्षेत्र हैं, जिन पर सरकार का ध्यान है.

निर्मला सीतारमण
निर्मला सीतारमण

By

Published : Sep 7, 2022, 2:20 PM IST

Updated : Sep 7, 2022, 4:59 PM IST

नई दिल्ली: भारत सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitaraman) ने बुधवार को कहा कि मुद्रास्फीति (Inflation) कम होकर वहनीय स्तर पर पहुंच गई है, इसलिए सरकार के लिए देश की आर्थिक वृद्धि ही प्राथमिकता बनी हुई है. यह बात निर्मला सीतारमण ने इंडिया आइडियाज समिट (India Ideas Summit) के दौरान कही. वित्त मंत्री ने कहा कि रोजगार सृजन और धन का समान वितरण वे अन्य क्षेत्र हैं, जिन पर सरकार का ध्यान है. उन्होंने कहा कि ‘कुछ निश्चित तौर पर प्राथमिकताएं हैं और कुछ उतनी महत्वपूर्ण नहीं हैं.'

निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने आगे कहा कि 'प्राथमिकताओं में रोजगार शामिल हैं, इसके अलावा धन का समान वितरण और यह सुनिश्चित करना भी शामिल है कि भारत वृद्धि के रास्ते पर बढ़े.’ उन्होंने आगे कहा कि ‘इस लिहाज से मुद्रास्फीति प्राथमिकता नहीं है. आपको इस बात से हैरानी नहीं होनी चाहिए. बीते कुछ महीनों में हम इसे वहनीय स्तर पर लाने में कामयाब रहे है.’ आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में खाद्य वस्तुओं के दाम में नरमी से मुद्रास्फीति कम होकर 6.71 फीसदी पर आ गई.

पढ़ें:मंगोलिया के राष्ट्रपति ने राजनाथ सिंह को घोड़ा भेंट किया

हालांकि यह भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) की संतोषजनक स्तर की उच्च सीमा 6.0 प्रतिशत से लगातार सातवें महीने ऊपर बनी रही. जून 2022 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) (consumer price Index) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति 7.01 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई 2021 में यह 5.59 प्रतिशत थी. अप्रैल से जून के बीच यह सात फीसदी के ऊपर बनी रही.

वित्त मंत्री सीतारमण ने भरोसा जताया कि अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) और यूरोपीयन सेंट्रल बैंक (European Central Bank) द्वारा दरों में तेज वृद्धि से उत्पन्न अस्थिरता से रिजर्व बैंक निपट लेगा. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण पैदा हुए वैश्विक ऊर्जा संकट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की उपलब्धता को लेकर अनिश्चितता अब भी बनी हुई है. उन्होंने भुगतान प्रौद्योगिकी समेत हर लिहाज से भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को और गहरा करने का आह्वान किया.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Sep 7, 2022, 4:59 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details