नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने महंगाई के लिए कोरोना और यूक्रेन-रूस युद्ध को जिम्मेदार बताया है. बुधवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि महंगाई अब इंटरनेशनल मुद्दा बन गया है. एक ओर दुनिया कोरोना से जूझ रही है, दूसरी ओर रूस और यूक्रेन के बीच विवाद लंबा खिंच रहा है. इस स्थिति में न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया महंगाई से जूझ रही है. इसके बावजूद सरकार महंगाई को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दुनिया भर में पेट्रोल की कीमत ऑल टाइम हाई है. केंद्र ने जरूरत पड़ने पर दलहन और तिलहन के आयात को बढ़ाने को अपनी मंजूरी दे दी है . सरकार ने उन सभी जरूरी सामानों से आयात शुल्क को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है, जिसकी आपूर्ति भारत में कम हैं. पीयूष गोयल ने बताया कि मंगलवार को उन्होंने ब्राजील से सहयोग बढ़ाने और वस्तुओं के आयात-निर्यात के बारे में बातचीत की थी. उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार महंगाई पर काबू पाने के लिए पूरा प्रयास कर रही है.
बता दें कि खाने-पीने के सामानों की कीमतों में उछाल की वजह से मार्च में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा महंगाई दर 6.95 प्रतिशत पर पहुंच गई है. मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में खुदरा महंगाई दर 17 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई है. फरवरी में खुदरा महंगाई दर 6.07 फीसदी थी. यह लगातार तीसरा महीना है, जब खुदरा महंगाई दर छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है.
इससे पहले अक्टूबर, 2020 में खुदरा मुद्रास्फीति 7.61 फीसदी के उच्चस्तर पर थी.मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इम्प्लीमेंटेशन की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक, मार्च में खुदरा खाद्य महंगाई दर एक महीने पहले के 5.85 प्रतिशत के स्तर से बढ़कर 7.68 प्रतिशत पर पहुंच गई है. सबसे ज्यादा तेजी सब्जियों और तेल के दामों में रही है. मार्च में खाने-पीने के सामान के दाम में 7.68 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. फरवरी महीने में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 5.85 प्रतिशत थी.
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