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पंजाब कांग्रेस : सांसदों की बैठक के बाद भी नहीं थमा विवाद, सिद्धू पर बाजवा बोल गए बड़ी बात

पंजाब कांग्रेस में चल रहे घमासान के बीच रविवार को पंजाब के नौ सांसदों ने दिल्ली में बैठक की. पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा के आवास पर हुई इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद मनीष तिवारी भी शामिल हुए. बैठक के बाद बाद तिवारी ने कहा कि सांसदों के बीच चर्चा केवल किसानों और प्रदेश से जुड़े आम मुद्दों पर हुई. उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव और उससे जुड़े अंतर्कलह को पार्टी का आंतरिक मामला बताया. पढ़िए संवाददाता अभिजीत ठाकुर की रिपोर्ट...

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Published : Jul 18, 2021, 6:04 PM IST

Updated : Jul 18, 2021, 7:04 PM IST

सांसद मनीष तिवारी
सांसद मनीष तिवारी

नई दिल्ली :पंजाब कांग्रेस में घमासान के बीच रविवार को दिल्ली में कांग्रेस सांसदों की बैठक हुई, जिसमें पार्टी के 9 सांसद मौजूद थे. पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा के आवास पर हुई बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद मनीष तिवारी ने भी भाग लिया. कयास लगाए जा रहे थे कि यह बैठक पंजाब में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने पर चल रहे अंदरूनी कलह को खत्म करने के लिए बुलाई गई है. लेकिन करीब 2 घंटे तक चली बैठक के बाद मनीष तिवारी ने कहा कि सांसदों के बीच चर्चा केवल किसानों और प्रदेश से जुड़े आम मुद्दों पर हुई.

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आठ महीने से किसान तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के बॉर्डरों पर आंदोलन कर रहे हैं. वहीं सोमवार से संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है. ऐसे में आंदोलनरत किसान मोर्चा ने सभी पार्टियों के सांसदों को पत्र लिख कर मौजूदा सत्र में किसानों की आवाज संसद में उठाने की मांग रखी है.

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि कांग्रेस सांसदों ने तय किया है कि किसानों के मुद्दों पर वह काम रोको प्रस्ताव संसद में लाएंगे. इसके अलावा राज्य को केंद्र द्वारा जीएसटी राहत राशि का भुगतान समय से न किये जाने का मुद्दा भी कांग्रेस के पंजाब से सांसदों के द्वारा सत्र में उठाया जाएगा. कोरोना टीकारण अभियान पर सवाल उठाते हुए मनीष तिवारी ने कहा कि आज पंजाब में वैक्सीन की भारी किल्लत है. केंद्र सरकार पर्याप्त वैक्सीन मुहैया नहीं करवा पा रही है. यह मुद्दा भी संसद में मजबूती से उठाया जाएगा.

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प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव और उससे जुड़े अंतर्कलह को मनीष तिवारी ने पार्टी का अंदरूनी मुद्दा बताया और कहा कि वह सार्वजनिक मंच से इस पर कुछ नहीं कहेंगे. आज की बैठक में शामिल सभी नौ सांसदों का यही कहना था कि नवजोत सिंह सिद्धू या कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के मुद्दे पर उनके बीच कोई चर्चा नहीं हुई. पार्टी आलाकमान के निर्णय को अंतिम बताते हुए सबने एक सुर में कहा कि वह जो भी फैसला होगा उसका सम्मान करेंगे.

पंजाब प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रह चुके राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि मीडिया में जैसा कहा जा रहा है, उन्हें सिद्धू या किसी भी नेता के प्रदेश अध्यक्ष बनने पर कोई ऐतराज नहीं है. खुद को उम्मीदवार बताए जाने पर बाजवा ने कहा कि वह एक बार प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और दोबारा अध्यक्ष बनने का उनका कोई इरादा नहीं है.

प्रताप सिंह बाजवा और कैप्टन अमरिंदर के बीच की तल्खी जगजाहिर रही है, लेकिन बाजवा कहते हैं कि अब ऐसा कुछ नहीं है. शनिवार को कैप्टन अमरिंदर से हुई मुलाकात पर बाजवा ने कहा कि वह क्षेत्र के मुद्दों से संबंधित मुलाकात थी और उन्होंने तय किया है कि सभी सांसद उनसे मिलते रहेंगे और कार्यों पर चर्चा होना सामान्य बात है. सिद्धू से मुलाकात को बाजवा ने व्यावहारिक बताया है.

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कुल मिलाकर पंजाब में कांग्रेस का प्रधान कौन होगा, इस पर सस्पेंस बरकरार है और कोई भी नेता इस पर खुलकर बातचीत करने को राजी नहीं. लेकिन इतना तो जगजाहिर है कि सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर पंजाब कांग्रेस एकमत नहीं है. सूत्रों की मानें तो यही कारण है कि आलाकमान की हरी झंडी के बावजूद अभी तक सिद्धू की ताजपोशी की औपचारिक घोषणा नहीं हो सकी है.

Last Updated : Jul 18, 2021, 7:04 PM IST

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