नई दिल्ली : कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र सरकार से लेकर सत्ताधारी पार्टी भाजपा लगातार गैर भाजपा शासित राज्यों को कोस रही है लेकिन आंकड़े भाजपा शासित राज्यों के भी बहुत अच्छे नहीं हैं. यह पार्टी और केंद्र सरकार दोनों के लिए चिंता का विषय है.
कोविड-19 को लेकर भाजपा शासित राज्यों के कई जनप्रतिनिधियों ने भी अपने ही मुख्यमंत्रियों के मैनेजमेंट को लेकर पत्र लिखा है तो कहीं सवाल उठा दिया जिससे रही सही साख भी इन राज्य सरकारों की दांव पर लगी है. कोविड-19 प्रबंधन को लेकर इन सरकारों की खूब किरकिरी हो रही है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हों या मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हो या फिर बिहार में बकौल भाजपा चल रही डबल इंजन की सरकार हो. एक के बाद एक इन राज्यों में कोविड-19 मैनेजमेंट को लेकर ऐसी घटनाएं और तस्वीरें सामने आ रही हैं जो कहीं ना कहीं मानवता को हिलाकर रख देने वाली हैं. हालांकि डब्ल्यूएचओ ने उत्तर प्रदेश सरकार के गांव में संक्रमण रोकने के लिए की गई कार्रवाई की सराहना भी की है लेकिन बाकी राज्यों की तरह ही इन राज्यों पर भी उंगलियां कम नहीं उठाई जा रहीं.
बंगाल की चुनावी रैलियों और कुंभ के आयोजन को भले ही दरकिनार कर भाजपा दूसरी लहर और कोरोना के दूसरे वेरिएंट को भारत में फैलने के लिए किसान आंदोलन को दोषी ठहरा रही है लेकिन भाजपा शासित राज्य कोरोना को लेकर लगातार चर्चा में हैं.
भाजपा शासित राज्यों में भी हालात इतने खराब हो चुके हैं कि गुजरात हाईकोर्ट को जहां अप्रैल में स्वत संज्ञान लेना पड़ा वहीं, लखनऊ के डीएम का वह कथन भी काफी चर्चा में रहा जिसमें उन्होंने यहां तक कह दिया कि लोग सड़क पर मर रहे हैं.
इसी तरह भोपाल और इंदौर की रिपोर्ट और मध्य प्रदेश के बीजेपी विधायक द्वारा अपने ही मुख्यमंत्री पर दो दिन पहले लगाए गए आरोप जिसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर कोविड से संबंधित बुलाई गई बैठक के लिए तंज कसा गया था, काफी चर्चा का विषय हैं.
कई सरकारों पर उठ रही उंगलियां
उत्तर प्रदेश की व्यवस्था को तो खुद मंत्री बृजेश पाठक की लीक चिट्ठी ने उजागर किया था. मंत्री ने मुख्यमंत्री को शिकायत की थी कि अधिकारी उनकी बात की अनसुनी कर रहे हैं. केंद्र में मंत्री संतोष गंगवार ने भी कोविड-19 की व्यवस्था को लेकर असंतोष जाहिर किया था.
एनडीए की डबल इंजन की सरकार जिसकी दुहाई भाजपा बार-बार देती है वहां तो जैसे कोविड-19 की व्यवस्था की पोल खोल कर ही रख दी है. बक्सर में गंगा नदी के किनारे उतराती लाशों पर ना सिर्फ बिहार सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं बल्कि उंगलियां उत्तर प्रदेश सरकार पर भी उठ रही हैं.
एक महिला द्वारा बिहार के अलग-अलग अस्पतालों की लचर व्यवस्था को उजागर करने और मरीजों के साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार और बदसलूकी की घटना ने मानवता को हिला कर रख दिया है. राज्य सरकार की काफी आलोचना हो रही है.