हैदराबाद : कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से रोजगार, उद्योग, शिक्षा सभी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं. महाराष्ट्र में मजदूरों के पलायन से उद्योगों पर असर पड़ा है. बेरोजगारी दर भी बढ़ गई है. पंजाब में रेस्टोरेंट-होटल इंडस्ट्री पर खासा असर पड़ा है. करीब 70 फीसदी लोग बेरोजगार हो चुके हैं.
छत्तीसगढ़ में पर्यटन उद्योग ध्वस्त हो गया है. इससे जुड़े लोगों को काफी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है. जानिए राज्यों में क्या है स्थिति.
महाराष्ट्र : मजदूरों के पलायन से उद्योगों पर पड़ रहा असर
महाराष्ट्र में भी लॉकडाउन और कोरोना महामारी का खासा असर पड़ा है. श्रमिकों की बात की जाए तो प्रदेश में कुल श्रमिकों की संख्या 236.94 लाख है. महाराष्ट्र में 11 मई 2021 तक 102.3 लाख कुल जॉब कार्ड जारी किए गए. एक्टिव जॉब कार्ड की कुल संख्या 29.5 लाख है. जबकि वर्तमान में कुल सक्रिय श्रमिकों की संख्या 55.9 लाख है.
महाराष्ट्र सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों, उत्पादन इकाइयों और कृषि को लॉकडाउन से दूर रखा है. जनशक्ति की कमी पर कोई विशिष्ट डेटा नहीं है लेकिन प्रवासी मजदूरों के बड़े पैमाने पर पलायन के कारण इन क्षेत्रों में श्रमिकों और अन्य कर्मचारियों की कमी का सामना करना पड़ रहा है.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, महाराष्ट्र की बेरोजगारी दर में 15.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. अप्रैल 2020 में यह 20.9% थी जो अप्रैल 2021 में घटकर 5.5 प्रतिशत अंक पर आ गई है.
पर्यटन उद्योग पूरी तरह ध्वस्त
पर्यटन की बात करें तो कोरोना की दूसरी लहर में सभी पर्यटन स्थल बंद हैं. पर्यटन से जुड़े निजी कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं. राज्य में स्कूल और कॉलेज पूरी तरह से बंद हैं. सरकारी शिक्षकों को वेतन पाने में कोई कठिनाई नहीं है, लेकिन 50% तक वेतन में देरी और कमी के कारण निजी संस्थानों की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई है. रेलवे स्टेशनों द्वारा उत्पन्न रोजगार के आंकड़े और लाखों परिवारों की स्थिति प्रभावित हुई.
कोरोना की दूसरी लहर में ट्रेनों की घटती संख्या और प्रतिबंध के कारण, मुंबई सहित राज्य के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर काम करने वाले लोग प्रभावित हुए हैं. स्टेशन के कुली, छोटे दुकानदारों, ऑटो चालकों और टैक्सियों की हालत खराब है, लेकिन सरकार के पास इससे जुड़े लोगों का डेटा नहीं है.
पंजाब : सिर्फ 50 फीसदी श्रमिक ही कर रहे काम
पंजाब में भी लॉकडाउन और कोरोना महामारी का खासा असर पड़ा है. राज्य में कुल 3 लाख मनरेगा वर्कर काम करते हैं. लॉकडाउन में भी लगातार काम चल रहा है. राज्य में 2.86 लाख कंस्ट्रक्शन वर्कर रजिस्टर है जिनमें से 50 फ़ीसदी अब काम कर रहे हैं. सरकार ने 6000 रुपए हर वर्कर को देने का एलान किया था जिसके लिए 171.60 करोड़ रुपये मद में रखे गए थे.
शिक्षण संस्थानों में रोटेशन पर काम
स्कूल-कॉलेज और यूनिवर्सिटी में टीचिंग स्टाफ ऑनलाइन शिक्षा दे रहा है वहीं नॉन टीचिंग स्टाफ पहले की तरह काम कर रहा है. विद्यार्थियों के लिए सब स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी बंद हैं.
डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट यूनियन पंजाब के विक्रम देव ने बताया कि अध्यापक ऑनलाइन शिक्षा दे रहे हैं वहीं, नॉन टीचिंग स्टाफ पहले की तरह ही काम कर रहा है. उन्होंने बताया कि जिन स्कूलों में स्टाफ 10 से ज्यादा है वह 50 प्रतिशत रोटेशन पर काम कर रहे हैं और जहां पर स्टाफ 10 से कम है वह पहले की तरह स्कूल आकर काम कर रहे हैं.