इंदौर। वर्तमान दौर में भी महिलाओं के लिए वर्जित माने जाने वाले आजीविका के कुछ ऐसे कामकाज है, जिन पर पुरुषों का वर्चस्व रहा है, या कहें कि अब भी समाज में कुछ ऐसे काम हैं जो महिलाओं के लिए सिर्फ इसलिए वर्जित कर दिए गए हैं कि 'तुम नहीं कर पाओगी.' इलेक्ट्रीशियन और लाइट फिटिंग भी इस काम में शुमार रहा है, जिसमें अब तक पुरुष ही काम संभालते थे, लेकिन अब रोजगार और आजीविका के साधन तलाशने वाली महिलाएं इलेक्ट्रिशियन क्या कामकाज संभालने में भी पीछे नहीं हैं. इंदौर में लाइट फिटिंग के अलावा यह महिलाएं अब बिजली और इलेक्ट्रीशियन के कामकाज से जुड़े हर खतरे को झेलने तैयार हैं.
सशक्त हो रही महिलाएं:महिला सशक्तिकरण के नाम पर अब समाजसेवी संस्थाएं महिलाओं को स्वरोजगार के जरिए आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर वह काम सिखा रही हैं, जो अब तक पुरुष करते आए हैं. इंदौर में जरूरतमंद महिलाओं को टू व्हीलर और फोर व्हीलर के मैकेनिक का काम सिखाने और गैराज खोलने समेत महिलाओं द्वारा संचालित टैक्सी सर्विस जैसे प्रयोग कर चुकी समान सोसाइटी नामक संस्था अब करीब एक दर्जन महिलाओं को इलेक्ट्रीशियन की ट्रेनिंग देने के बाद उन्हें घरों की लाइट फिटिंग के कामकाज में उतार चुकी है. सिलाई कढ़ाई बुनाई जैसे महिलाओं के पारंपरिक काम के विपरीत इलेक्ट्रिशियन के काम में जब दो से तीन गुनी कमाई हो रही है, तो महिलाएं अब इस काम को बेखौफ होकर करते नजर आ रही हैं.
कुछ महिलाएं ले रही ट्रेनिंग कुछ फील्ड पर उतरीं:दरअसल महिलाओं को इलेक्ट्रीशियन बनाने के लिए हाल ही में समान संस्था द्वारा इंदौर के हवा बंगला क्षेत्र स्थित विदुर नगर में प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया है, जहां इस वर्ष 50 महिलाओं को इलेक्ट्रीशयन का प्रशिक्षण दिया जाने का संकल्प लिया है, यहां वर्तमान में 20 महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है. यहीं नहीं इनमें से 6 महिलाएं तो प्रशिक्षण प्राप्त कर लाइट फिटिंग की फील्ड पर भी उतर गई है, जिसके तहत महिलाओं के द्वारा कुंदन नगर स्थित निर्माणाधीन मकान की लाइट फिटिंग और सर्विस लाइन संबंधी काम भी शुरू कर दिया.
महिलाओं द्वारा रोशन किया गया घर:बताया जा रहा है कि यह इंदौर का पहला ऐसा मकान होगा, जिसे महिलाओं द्वारा विद्युतीकरण कर रोशन किया जाएगा. ऐसा नहीं है कि सिर्फ महिलाओं द्वारा इलेक्ट्रिशियन का ऊपरी कामकाज किया है, बल्कि इस मकान में दीवार पर झिरी, कटाई, पाइप बिछाना, वायरिंग करना, स्विच बोर्ड लगाने से लेकर बल्ब, पंखे फिट करने तक का जिम्मा महिलाओं ने किया है. शायद यह इंदौर का पहला निर्माणाधीन मकान ही है, जिसमें महिलाओं द्वारा इलेक्ट्रीशियन का पूरा काम किया जा रहा है. इसे लेकर इलेक्ट्रीशियन महिलाएं आत्मविश्वास से भरी एवं खुश भी हैं.