इंदौर।इंदौर के स्वर्ण बाग कॉलोनी में हुए भीषण अग्निकांड से 7 लोगों की जिंदा जल जाने से मौत हुई है. इस हादसे में एक परिवार ऐसा भी है, जो अपने बेटे और बहू के लिए इसी मल्टी के सामने मकान बनवा रहा था. निर्माण के दौरान बेटे व बहू को उन्होंने मल्टी में शिफ्ट किया था. इस अग्निकांड में बेटे-बहू दोनों की दम घुटने से मौत हो गई. अब स्थिति यह है कि जिन बच्चों के लिए माता-पिता मकान बनवा रहे थे, वे सुधबुध खो बैठे हैं. अग्निकांड में मृतकों में कई की अभी भी शिनाख्त नहीं हो पाई है. बताया जा रहा है कि मल्टी में बड़ी संख्या में किराएदार रहते थे, जो अग्निकांड के शिकार हो गए. मृतकों में महिलाएं भी शामिल हैं.
पति-पत्नी ने बाहर निकलने का प्रयास किया लेकिन नाकाम रहे :इंदौर की स्वर्ण बाग कॉलोनी में अग्निकांड का शिकार हुई इंसाफ पटेल की इस इमारत के सामने यह निर्माणाधीन मकान सिसोदिया परिवार का है. सिसोदिया परिवार का बेटा ईश्वर और बहू नीतू शादी के बाद सुविधापूर्ण तरीके से अपने ही घर में रह सकें, इसके लिए वह अपने घर के ऊपर भव्य मकान बनवा रहे थे. निर्माण के दौरान वे रहने की परेशानी के कारण अग्निकांड का शिकार हुई मल्टी में किराए से रह रहे थे. लेकिन दोनों को क्या पता था कि मकान के जो सपने बुने थे, वह उनके साथी मल्टी में जलकर खाक हो जाएंगे. रात में जब आग लगी तो ईश्वर और नीतू आग से बचकर बाहर निकलना चाहते थे, लेकिन रास्ते में जलती मोटरसाइकिलें और वाहनों के कारण उन्हें सीढ़ियों पर से नीचे निकलने का रास्ता नहीं मिला.
परिजन इंतजार करते रहे, मौत की खबर मिली :ऊपर से भी तेजी से बढ़ती आग के कारण वे धुएं में गिर गए. जब तक आग बुझ पाती, तब तक एक के बाद एक करके दोनों का दम घुट गया. हालांकि उनके निकलने का बाहर इंतजार करते उनके माता-पिता और परिजन दोनों को बचा पाते, इसके पहले ही दोनों बेसुध हो चुके थे. किसी तरह दोनों को जब अस्पताल पहुंचाया तो डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. अब स्थिति यह है कि परिवार में मातम पसरा है और दोनों के लिए बन रहे घर का निर्माण रोक दिया गया है. पीड़ित परिवार का इस घटना के बाद से रो-रो कर बुरा हाल है.