इंदौर। कहते हैं जन्मजात प्रतिभा, उम्र की मोहताज नहीं होती. इसी मान्यता की मिसाल है 4 साल का नन्ना बच्चा अनघ चित्तौड़ा, जो स्कूल गोइंग बच्चों से भी कम उम्र में करोड़ों की संख्या की गणना और जोड़-घटाव में माहिर हैं. अनघ की याददाश्त इतनी तेज है कि अपनी 4 साल से भी कम उम्र में इस मासूम ने अपने आसपास जो भी चीजें घटते देखीं या समझीं, वह उसे हूबहू याद हैं. यही वजह है कि अनघ की विलक्षण बुद्धि के कारण हाल ही में उन्हें वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया है.
नन्हें गणितज्ञ माने जा रहे अनघ:दरअसल मासूम अनघ चित्तौड़ा की विलक्षण बुद्धि हाल ही में उस दौरान चर्चा में आई, जब उसने 10 करोड़ की संख्या तक 9 डिजिट वाले 50 बड़ी और छोटी संख्या को सबसे पहले 5 मिनट 20 सेकंड में तुलनात्मक रूप से बड़ी और छोटी संख्या के हिसाब से गणना करके अलग करके बता दिया. यह नर्सरी और केजी की कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चे कभी नहीं बता पाते, लिहाजा उसकी बुद्धि के कारण उसे इंदौर का नन्हा गणितज्ञ माना जा रहा है.
कैसे सामने आया अनघ का हुनर:अनघ की मां श्रद्धा चित्तौड़ा ने बताया कि, "जब अनघ 9 महीने का था, तब वह दूसरों की नकल कर लेता था. इसके बाद वह अपनी उम्र को भी मात देते हुए 2 साल की उम्र में 1 से 100 तक की गिनती दोहराने लगा. परिवार को आश्चर्य तब हुआ जब वह गणित की घटनाओं के अलावा किचन में कौन सी चीज कहां रखी है, ये भी दादी को इशारों से बताने लगा. इसके बाद वह जब अपने पिता प्रणय चित्तौड़ा के साथ घूमने बाजार जाता या अन्य स्थानों से गुजरता था तो वहां उसे सड़क से गुजरने वाले ट्रक, बस और कारों के नंबर याद रह जाते थे."