नई दिल्ली : कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Congress leader Jairam Ramesh) ने मंगलवार को कहा कि 1983 में एसएलवी-3-डी2 के सफल प्रक्षेपण के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Prime Minister Indira Gandhi) ने एक दूसरे के धुर राजनीतिक विरोधी होने के बावजूद, आंध्र प्रदेश के तब के मुख्यमंत्री एनटी रामाराव (Andhra Pradesh Chief Minister NT Rama Rao) को श्रीहरिकोटा में मौजूद रहने के लिए आमंत्रित किया था. रमेश की यह टिप्पणी उस विवाद के संदर्भ में आई है जो कांग्रेस के एक आरोप के मद्देनजर उपजा है.
कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री शिवकुमार को सप्ताहांत में उनकी बेंगलुरु यात्रा के दौरान एचएएल हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी करने से कथित तौर पर रोक दिया था. रमेश ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री इस बात को लेकर सिद्धारमैया और शिवकुमार से चिढ़ गए कि उनसे पहले उन दोनों ने इसरो के वैज्ञानिकों को सम्मानित किया. रमेश ने मोदी पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को रोककर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया था.
प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को कहा था कि उन्होंने कर्नाटक के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से उनके स्वागत के लिए हवाई अड्डा नहीं आने का आग्रह किया था, क्योंकि लंबी उड़ान के बाद वह अपने आगमन के समय को लेकर आश्वस्त नहीं थे और इसलिए नहीं चाहते थे कि इन्हें सुबह इतनी जल्दी आने का कष्ट उठाना पड़े. प्रधानमंत्री चंद्रयान-3 मिशन में शामिल इसरो के वैज्ञानिकों से बातचीत करने के लिए यूनान की राजधानी एथेंस से शनिवार को सुबह करीब छह बजे सीधे बेंगलुरु पहुंचे थे.