आने वाले 6 महीनों में लगेंगे एंटी ड्रोन सिस्टम जैसलमेर. भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में सीमा पार से आने वाले ड्रोन को मार गिराने के लिए पाकिस्तान से सटे बॉर्डर इलाकों पर अगले 6 महीने में स्वदेशी एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात किया जाएगा. बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में ड्रोन भारतीय सेना के लिए बड़े खतरे के रूप में सामने आए हैं. पाकिस्तान की ओर से ड्रोन की मदद से हथियार और ड्रग्स भारत में पहुचाएं जा रहे हैं. हालांकि, सीमा की रक्षा कर रहे जवानों ने कई ड्रोन मार गिराए हैं, लेकिन अब लगातार सीमा पार से ड्रोन के जरिए होने वाली इन गतिविधियों को रोकने के लिए पाकिस्तान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अगले 6 महीने में स्वदेशी एंटी ड्रोन सिस्टम को तैनात किया जाएगा.
बीएसएफ सूत्रों के अनुसार भारत ने साल 2023 में अब तक करीब 90 ड्रोन को तहस नहस किया है और कई ड्रोन को पकड़े भी हैं. सबसे ज्यादा 81 ड्रोन पंजाब में और 9 ड्रोन राजस्थान की सीमा पर कार्रवाई के दौरान पकड़े गए हैं. बता दें कि भारत पाक बॉर्डर पर पाकिस्तान से आने वाली हर नापाक हरकत का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए भारत की पहली रक्षा पंक्ति सीमा सुरक्षा बल पूरी तरह से मुस्तैद है. वहीं, गणतंत्र दिवस को देखते हुए बीएसएफ सरहद पर हाई अलर्ट पर है. तारबंदी के पास 24 घंटे बीएसएफ के जवान आधुनिक हथियारों के साथ पेट्रोलिंग कर सरहद की रखवाली कर रहे हैं. पाकिस्तान ने अब नया पैंतरा खेलते हुए ड्रोन की मदद से घुसपैठ करने की नाकाम कोशिश शुरू की है. चीन निर्मित ये नई तकनीक से लैस ड्रोन, ड्रग्स की तस्करी में काम में लाए जा रहे हैं. ड्रोन के जरिए घुसपैठ का मुँह तोड़ जवाब देने के लिए अंतरराष्ट्रीय सरहद पर स्वदेशी एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात किया जा रहा है.
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सरहद पर स्वदेशी एंटी ड्रोन सिस्टम: सीमा सुरक्षा बल के डीआईजी योगेंद्र सिंह ने बताया कि भारत ने पाकिस्तान से आने वाले ड्रोन को सीमा पार ही तहस नहस करने और पकड़ने के लिए ही एंटी ड्रोन सिस्टम सरहद पर तैनात किया है. इस सिस्टम को लगातार अपडेट किया जा रहा है और सरहद पार से आने वाले ड्रोन से निपटने के लिए इस पर लगातार काम जारी है. फिलहाल बीएसएफ अलर्ट होकर सीमा पार से आने वाले ड्रोन को फायरिंग करके नेस्तनाबूद करने का काम कर रही है. जैसे ही सीमा पार से ड्रोन उड़ता नजर आता है तुरंत सभी अलर्ट होकर एक-दूसरे को मैसेज करते हैं. वहीं अधिकारी तुरंत ड्रोन पर फायरिंग करने के आदेश देते हैं. ड्रोन पर कई राउंड फायरिंग की जाती है। जिससे वो किसी भी तरह से बचकर वापस ना लौट जाए और उसको पकड़ा जाए. उन्होंने बताया कि पकड़े गए ड्रोन की तकनीक की जांच की जाती है. उन्होंने बताया कि ड्रोन सबसे बड़ा थ्रेट है और इसको लेकर हम तैयार हैं. हमने कई जगह पर एंटी ड्रोन सिस्टम को लगाया हैं और डवलप भी किए है. डीआईजी ने कहा कि हम कई तरह से सीमा पार से आने वाले ड्रोन से निपटने के लिए वेपन भी इस्तेमाल कर रहे हैं.
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एंटी ड्रोन सिस्टम अपडेट का काम जारी: सीमा सुरक्षा बल राजस्थान सीमांत मुख्यालय के आईजी आईपीएस पुनीत रस्तोगी बताते हैं कि पाकिस्तान के ज्यादातर स्मगलर ड्रोन का इस्तेमाल करते हैं. वे सीमा पार से मादक पदार्थों को भारत में सप्लाई के लिए भेजते हैं. फिलहाल अब कई वेपन के माध्यम से हम इसको उड़ाने के लिए काम में ले रहे हैं. हम एंटी ड्रोन सिस्टम को लगा रहे हैं और हम उसको लगातार अपडेट भी करते हैं. पकड़े गए ड्रोन पर रिसर्च करके उसमें इस्तेमाल की गई टेक्नोलॉजी को देखते हुए हम हमारे एंटी ड्रोन सिस्टम को अपडेट भी कर रहे हैं.
आने वाले 6 महीनों में लगेंगे एंटी ड्रोन सिस्टम: बीएसएफ सूत्रों के अनुसार तीन अलग अलग कंपनियों ने एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी डिजाइन बनाए हैं. इन डिजाइनों का वर्तमान में भारत-पाक सीमा पर विशिष्ट स्थानों पर परीक्षण किया जा रहा है. जल्द ही इन डिजाइनों में से एक को सिलेक्ट कर भारत की पश्चिमी सीमा पर तैनात किया जाएगा. एंटी ड्रोन तकनीक किसी भी अज्ञात यूएवी पर चौबीसों घंटे नजर रखेगी और उन्हें कुछ ही सेकंड्स के भीतर मार गिराएगी. यह ड्रोन मूवमेंट के बारे में भी सुरक्षा बलों को अलर्ट करेगा.