नई दिल्ली : तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई. भारत ने भी तुर्की में बचाव और राहत टीम भेजी थी. एनडीआरएफ की टीम अपना काम सफलतापूर्वक निपटाकर वतन लौट आई है. तुर्की से वापस लौटे रेस्क्यू टीम एनडीआरएफ के अधिकारी ने कहा कि 'उन दोनों रोमियो और जूली ने दो बच्चों का पता लगाने में हमारी मदद की जो तुर्की के गज़ियांटेप में कंक्रीट के मलबे में फंसे हुए थे. एक बार पता चलने के बाद हमने उन्हें मलबे से जिंदा निकाला. तुर्की में 10 दिनों तक चले रेक्यू ऑपरेशन में हमने केवल दो लोगों को जिंदा बचाया, ये दो बच्चे थे.'
9 फरवरी को स्ट्रीट 915 में अपने तलाशी अभियान के दौरान, गाजियांटेप में नोलो सोकाक बाचेलिवेलर मह एलेवन नूरदगी ने कुत्तों के साथ एक व्यापक तलाशी अभियान चलाया. इस दौरान जूली ने एक इमारत के मलबे में किसी के जिंदा होने का संकेत दिया. जिसकी पुष्टि दूसरे रेस्क्यू डॉग रोमियो ने की. कई घंटों के ऑपरेशन के बाद लड़की बेरेन को बचा लिया गया.
इसी तरह, 10 फरवरी को एनडीआरएफ की टीम ने गाजियांटेप के बचेली एलवर महालेसी, नूरदगी में एक ढही हुई इमारत के मलबे से एक अन्य लड़की मिरे को बचाया.
रोमियो और जूली, हालांकि, चार अन्य खोजी कुत्तों में से थे, जिन्होंने बचाव और खोज अभियान में एनडीआरएफ की टीम की मदद की. 6 फरवरी को दक्षिण-पूर्वी तुर्की और उत्तरी सीरिया में आए भूकंप के बाद, भारत सरकार ने खोज और बचाव कार्यों के लिए NDRF की टीमों को भेजा था.
तुर्की के भूकंप प्रभावित लोगों की मदद करने और बचाने के लिए गुरमिंदर सिंह, कमांडेंट 2 बटालियन, आदित्य प्रताप सिंह, सेकेंड इन कमांड और डिप्टी कमांडेंट अभिषेक के नेतृत्व में तीन टीमों में कुल 152 बचावकर्मी शामिल थे, जिनमें पांच महिला बचावकर्मी भी थीं. NDRF की टुकड़ियों को तीन टीमों (IND-10, IND-11 और IND 12) में बांटा गया था.
इन तीन अत्यधिक प्रशिक्षित और आत्मनिर्भर शहरी खोज और बचाव (USAR) टीमों में 6 बचाव कुत्ते और 11 NDRF वाहन शामिल थे. इन्होंने कई भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में अभियान चलाया. इन टीमों में एक डॉक्टर, टेक्नीशियन, इंजीनियर, तर्कशास्त्री, पैरामेडिक्स और आपातकालीन प्रबंधक शामिल थे. सेकेंड इन कमांड राकेश रंजन ने कहा, अन्य सभी बचाव दलों के सहयोग से बचाव अभियान चलाया गया. हालांकि, हमें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन हम अपना काम करने में सक्षम थे और दो नाबालिगों को बचा लिया.
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