त्रिशूर (केरल) :भारतीय उप महाद्वीप की सबसे पुरानी त्रिशूर की मस्जिद मरम्मत के बाद नमाजियों और आम लोगों के लिए फिर से खोली जाएगी. राज्य संचालित मुजिरिस हेरिटेज प्रोजेक्ट (एमएचपी) के तहत 'चेरामन जामा मस्जिद' की सुंदरता को करीब 30 महीने के कार्य के बाद बहाल कर दी गई है. यह मस्जिद 629 ईसवी में बनाई गई थी.
एमएचपी के प्रबंध निदेशक पीएम नौशाद ने कहा कि त्रिशूर जिले के कोडुंगल्लूर में स्थित इस ढांचे को उसकी मूल शैली और संरचना के साथ बहाल किया गया है और इस पर करीब 1.14 करोड़ रुपये का खर्च आया.
उन्होंने बताया कि इसकी मरम्मत मई, 2019 में शुरू हुई थी और इसके अलावा मस्जिद में दो मंजिला इस्लामिक हेरिटेज म्यूजियम (इस्लामिक विरासत संग्रहालय) का निर्माण भी करीब एक करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है.
सरकार को मरम्मत कार्य पूरा होने की जानकारी देने के बाद एमएचपी अधिकारी अब केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन की आम लोगों के लिए इस मस्जिद को खोलने की तारीख की घोषणा की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
नौशाद ने बताया कि मौखिक तौर पर कही जाने वाली परंपरा के अनुसार चेरामन पेरुमल नाम का राजा सातवीं शताब्दी में अरब गए थे, जहां उन्होंने पैगंबर मोहम्मद से मुलाकात की और इस्लाम धर्म अपना लिया. वहां से उन्होंने एक फारसी विद्वान मलिक इब्न दिनार के जरिए भारत खत भिजवाए और ऐसा माना जाता है कि दिनार ने राजा की मौत के पांच साल बाद, 629 ईसवी में मस्जिद का निर्माण कराया.
नौशाद ने कहा कि उन्होंने पुराने ढांचे के मौजूदा हिस्सों को संरक्षित करने और पुरानी तस्वीरों के आधार पर इसकी अतीत की स्थिति को फिर से बहाल करने पर अधिक ध्यान केंद्रित किया.
उन्होंने कहा, 'हमने 1974 में मुख्य भवन में जोड़े गए अतिरिक्त कंक्रीट ढांचे को ध्वस्त कर दिया. हमने पुरानी तस्वीरों के अनुसार टाइल की छत के साथ मस्जिद की पुरानी संरचना को फिर से बनाया.