नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने कहा है कि 2021 में भारत की आंतरिक सुरक्षा नियंत्रण (internal security controls) में रही, जबकि आंतरिक सुरक्षा का मुख्य फोकस जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद का मुकाबला करने, उत्तर पूर्वी राज्यों में सुरक्षा परिदृश्य में सुधार और वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) का मुकाबला करने पर रहा. सोमवार को जारी गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट 2021-22 में देश के भीतरी इलाकों में आतंकवाद, कुछ क्षेत्रों में वामपंथी उग्रवाद, उत्तर पूर्वी राज्यों में उग्रवाद और जम्मू-कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद सहित चार खंडों में आंतरिक सुरक्षा को वर्गीकृत किया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां देश की सुरक्षा, शांति और सार्वजनिक शांति को प्रभावित करने वाले कट्टरपंथी संगठनों और समूहों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखती हैं और जहां भी आवश्यक हो कानून के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई करती हैं. NATGRID परियोजना के कार्यान्वयन के लिए 1002.97 करोड़ रुपये मंजूर करने के अलावा, एमएचए ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) में आतंकी फंडिंग और नकली मुद्रा के मामलों की जांच करने के लिए एक आतंकी फंडिंग और नकली मुद्रा प्रकोष्ठ भी स्थापित किया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एडवाइजरी और अलर्ट भी जारी किए हैं, जब भी कोई विशेष खतरे की सूचना मिलती है. एमएचए की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2013 की तुलना में 2021 में हिंसक घटनाओं (1136 से 509) में कुल 55 प्रतिशत की कमी और वामपंथी उग्रवाद से संबंधित मौतों में 63 प्रतिशत (387 से 147) की कमी आई है.