नई दिल्ली:थलसेना 'प्रोजेक्ट जोरावर' के तहत पूर्वी लद्दाख में ऊंचाई वाले स्थानों पर तैनाती के लिए हल्के टैंक (Indias hi-tech light tank Zorawar) का एक बेड़ा हासिल करने वाली है. इस कदम का उद्देश्य किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए गोलाबारी करने की सेना की संपूर्ण क्षमता को बढ़ाना है. रक्षा एवं सुरक्षा प्रतिष्ठानों के सूत्रों ने बताया कि आवश्यकता की स्वीकार्यता या शुरूआती मंजूरी रक्षा मंत्रालय द्वारा अगले महीने प्रदान किये जाने की संभावना है.
हल्के टैंक तैनात करने की योजना भारत और चीन के बीच संबंधों में तनाव लाने वाले पूर्वी लद्दाख में व्याप्त सीमा विवाद के बीच आई है. सूत्रों ने बताया कि हल्के टैंक की गोला दागने की क्षमता मौजूदा टैंक के अनुरूप होगी और उन्हें शीघ्र तैनाती तथा थल सेना की फुर्ती बढ़ाना सुनिश्चित करने के लिए हासिल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तरी सीमाओं पर निकट भविष्य में खतरा बने रहने की संभावना है.
सूत्रों ने बताया कि यह महसूस किया गया कि जब मौजूदा टैंक को इस तरह के भू-भाग में उपयोग करने की बारी आई तब एक जरूरत महसूस की गई और इसलिए हल्के टैंक तैनात करने का फैसला किया गया. सूत्रों ने बताया कि शत्रु ने बड़ी संख्या में प्रौद्योगिकीय रूप से आधुनिक, अत्याधुनिक टैंक शामिल किये हैं और मध्यम से लेकर हल्के टैंक तक को मिश्रित रूप से तैनात किया है.