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भारत का रत्न-आभूषण निर्यात सात महीनों में 100% से अधिक बढ़ा : पीयूष गोयल

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Commerce and Industry Minister Piyush Goyal) ने रत्न-आभूषण क्षेत्र से निर्यात उत्पादों में विविधता पर ध्यान देने को कहा. उन्होंने यह भी कहा कि बीते सात महीनों में भारत का रत्न-आभूषण निर्यात 100% से अधिक बढ़ा है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता कृष्णानंद त्रिपाठी की रिपोर्ट.

Commerce and Industry Minister Piyush Goyal
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल

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Published : Nov 27, 2021, 8:01 PM IST

नई दिल्ली :वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Commerce and Industry Minister Piyush Goyal) ने रत्न एवं आभूषण उद्योग से निर्यात उत्पादों के डिजाइन, उनमें विविधता और प्रयोगशाला में तैयार हीरे जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है.

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Commerce and Industry Minister Piyush Goyal) ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में भारत का रत्न और आभूषण निर्यात पिछले साल की इसी अवधि के दौरान 11.7 अरब डॉलर के निर्यात के मुकाबले दोगुना से अधिक बढ़कर 23.6 अरब डॉलर हो गया है. उन्होंने कहा कि सूरत जैसे शहरों में जिसमें आभूषण निर्माण केंद्र बनने की क्षमता है, भविष्य में दुनिया का सबसे बड़ा हीरा व्यापार केंद्र बन सकता है.

सूरत ज्वैलरी मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन (Surat Jewelery Manufacturing Association) द्वारा आयोजित रत्न और आभूषण विनिर्माण शो 2021 को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि देश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए रत्न और आभूषण क्षेत्र सरकार के लिए प्राथमिकता वाला क्षेत्र है.

गोयल ने कहा कि भारतीय निर्माताओं की बेहतर गुणवत्ता ने देश को दुबई-यूएई, यूएसए, रूस, सिंगापुर, हांगकांग और लैटिन अमेरिका जैसे बाजारों में प्रवेश करने में सक्षम बनाया है. उन्होंने कहा कि इससे निर्यात और रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया जा सकेगा.

उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान इस क्षेत्र से निर्यात बढ़कर 23 अरब डॉलर हो गया है. उन्होंने रत्न और आभूषण विनिर्माण संघ के एक कार्यक्रम में कहा कि आने वाले समय में चार बिंदुओं पर ध्यान दें. अच्छे डिजाइन का पेटेंट कराया जाना चाहिए.

निर्यात सामग्री में मोती, प्लैटिनम और फैशन आभूषण जैसी नई चीजें शामिल करें. फ्यूजन आभूषण के लिए अन्य देशों के व्यवसायों के साथ करार किया जाए और प्रयोगशाला में तैयार किए गए हीरे पर ध्यान केंद्रित किया जाए.

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उन्होंने कहा कि हमारे देश में लोग सोना और आभूषण खरीदते समय न केवल पैसा खर्च करते हैं बल्कि ऐसा करते समय अपने जीवन की बचत का निवेश करते हैं. जौहरी हमारे लोगों के भरोसे और आस्था के भंडार हैं.

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