नई दिल्ली/ तिरुवनंतपुरम: केरल में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने गुरुवार को ने बताया कि विदेश से लौटे एक 35 वर्षीय व्यक्ति को मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जांच किए जाने पर उस व्यक्ति में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है. केरल और देश में मंकीपॉक्स का यह पहला मामला है. इससे पहले केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि मंकीपॉक्स के लक्षण वाले एक व्यक्ति के नमूने एकत्र किए गए हैं और जांच के लिए नमूनों को राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजा गया है.
वीणा जॉर्ज ने कहा कि उस व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखे और वह विदेश में मंकीपॉक्स के एक मरीज के निकट संपर्क में था. वीणा जॉर्ज ने कहा, 'मंकीपॉक्स के एक मामले की पुष्टि हुई है. हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि यह संक्रमण अन्य लोगों में नहीं फैले. लेकिन, संक्रमित पाया गया व्यक्ति अपने माता-पिता समेत दो से तीन व्यक्तियों के निकट संपर्क में भी रहा है.'
केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, 'संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आए कुल 11 लोगों की पहचान की गई है, जिनमें उसके माता-पिता, टैक्सी चालक और ऑटो चालक के अलावा विमान में उसके बगल में बैठे लोग भी शामिल हैं. हम सभी को इसकी सूचना दे रहे हैं.' मंत्री ने कहा कि चिंता करने की कोई बात नहीं है. स्वास्थ्य विभाग ने हालांकि लोगों से सतर्क रहने की अपील की है.
इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय केरल के कोल्लम जिले में मंकीपॉक्स का मामला सामने आने के बाद राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ सहयोग करने के लिए एक उच्च स्तरीय केंद्रीय टीम वहां भेज रहा है. सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक केरल जा रही केंद्रीय टीम में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल के अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेषज्ञ भी शामिल हैं.