नई दिल्ली : भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक जहाज 'विक्रांत' (india's first indigenous aircraft carrier (IAC) Vikrant) का समुद्र में बहुप्रतीक्षित परीक्षण बुधवार को शुरू हो गया. यह देश में निर्मित सबसे बड़ा और विशालकाय युद्धपोत है.
भारतीय नौसेना ने इस अवसर को देश के लिए 'गौरवान्वित करने वाला और ऐतिहासिक' दिन बताया और कहा कि इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों में शुमार हो गया है, जिसके पास स्वदेश में डिजाइन करने, निर्माण करने और अत्याधुनिक विमानवाहक जहाज तैयार करने की विशिष्ट क्षमता है.
विक्रांत का वजन 40,000 टन है और यह पहली बार समुद्र में परीक्षण के लिए तैयार है. गौरतलब है कि इसी नाम के एक जहाज ने 50 साल पहले 1971 के युद्ध में अहम भूमिका निभायी थी.
इस विमानवाहक जहाज को, इसके विमानन परीक्षण पूरे करने के बाद, अगले साल की दूसरी छमाही में भारतीय नौसेना में शामिल किए जाने की उम्मीद है. इसे करीब 23,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया गया है.
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा, 'यह भारत के लिए गौरवान्वित करने वाला और ऐतिहासिक दिन है क्योंकि 1971 के युद्ध में जीत में अहम भूमिका निभाने वाले अपने शानदार पूर्ववर्ती जहाज के 50वें साल में आज यह प्रथम समुद्री परीक्षण के लिए रवाना हुआ.'
यह भी पढ़ें-देश के पहले स्वदेशी विमानवाहक जहाज विक्रांत का समुद्र में परीक्षण शुरू