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भारतीय मार्ग विश्व की प्रगति और मानवता को बचाने का रास्ता है: मीनाक्षी लेखी

विदेश एवं संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने नई दिल्ली में एक प्रदर्शनी में कहा कि भारत की राष्ट्रपति केवल शांति की भाषा बोलतीं हैं और सद्भाव की सभी प्रक्रियाओं को आगे बढ़ातीं हैं. इस मौके पर 'ईटीवी भारत' की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी ने राज्य मंत्री से विशेष बातचीत की. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

Indian way is the way forward for world to progress and humanity to survive Meenakshi Lekhi
भारतीय मार्ग विश्व की प्रगति और मानवता के जीवित रहने का मार्ग है: मीनाक्षी लेखी

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Published : Jul 1, 2023, 7:22 AM IST

नई दिल्ली: विदेश एवं संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन की भारत की अध्यक्षता में चल रहे समारोहों से जुड़ी बैंकिंग ऑन वर्ल्ड हेरिटेज प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने बैंक नोट में दर्शाए गए विरासत स्थलों पर प्रकाश डाला. प्रदर्शनी सदस्य देशों के बैंकनोटों पर प्रदर्शित विश्व विरासत पर केंद्रित रही. प्रदर्शनी में जी-20 सदस्य देशों के कई बैंक नोटों को प्रदर्शित किया गया.

इसमें उनके संबंधित देशों के यूनेस्को विश्व विरासत स्थलों को दर्शाया गया था. 100 डॉलर के नोट से लेकर फिलाडेल्फिया के इंडिपेंडेंस हॉल, यूनाइटेड किंगडम के पांच पाउंड के नोट और वेस्टमिंस्टर एबे के एक हिस्से के साथ ब्राजील और अर्जेंटीना के करेंसी नोट, दोनों में इगुआज़ो नेशनल पार्क की तस्वीर है जो दोनों देशों के बीच की सीमा पर स्थित है इसे प्रदर्शित किये गये.

पांच भारतीय करेंसी नोट - ₹20, जिस पर कोणार्क के सूर्य मंदिर की छवि है, ₹10, जिस पर एलोरा की गुफाएं हैं, ₹500, जिस पर लाल किला और ₹100 के दो अलग-अलग नोट हैं, जिस पर कंचनजंगा पर्वत और गुजरात की 'रानी की वाव' बावड़ी की तस्वीर प्रदर्शनी में प्रदर्शित की गई. ईटीवी भारत से बात करते हुए विदेश एवं संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा, 'भारत की राष्ट्रपति ऐसी राष्ट्रपति हैं जो न केवल शांति की भाषा बोलतीं हैं बल्कि शांति और सद्भाव की सभी प्रक्रियाओं को आगे बढ़ातीं हैं. अगर दुनिया को आगे बढ़ना है, मानवता को बचाना है तो आगे बढ़ने का रास्ता भारतीय रास्ता है और वो रास्ता है 'वसुधैव कुटुंबकम.'

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उन्होंने आगे कहा,'हाल के दिनों में दुनिया में दुख और पीड़ा आई. सभी को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. अगर दुनिया को आगे बढ़ने और प्रगति करने की जरूरत है, तो हम सभी को विश्व शांति के लिए एक साथ आने की जरूरत है.' जी-20 सदस्य देशों के विश्व धरोहर स्थलों पर ध्यान केंद्रित करते हुए मुद्रा प्रदर्शित करने के विचार पर लेखी ने कहा, 'हालांकि मतभेद हैं, सभी देशों और सही सोच वाले लोगों के बीच बहुत बड़ी समानता है.

जी-20 देश शक्तिशाली देशों का एक समूह है जो यूनेस्को द्वारा घोषित लगभग 70 प्रतिशत विश्व धरोहर स्थलों की मेजबानी करता है. विश्व विरासत का संरक्षण एक महत्वपूर्ण कार्य है क्योंकि यह अगली पीढ़ियों को याद दिलाता है कि हमारे पूर्वजों ने कितनी महानता हासिल की थी.' अपनी तरह की पहली प्रदर्शनी 'बैंकिंग ऑन वर्ल्ड हेरिटेज' रविवार, 9 जुलाई तक प्रदर्शित होगी. प्रदर्शनी का संचालन विद्वान रुक्मिणी दहानुकर द्वारा किया गया है.

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