हैदराबाद : यूक्रेन में फंसे हजारों भारतीय छात्रों के सामने युद्धग्रस्त देश से सकुशल वापसी (return from war torn country) अब बड़ी चुनौती बन गई है. हवाई जहाजों का संचालन ठप है, सीमाओं पर हालात खराब हैं. इन छात्रों व भारतीय प्रोफेशनल के पास खाने-पीने का सामान भी खत्म हो रहा है. वहीं छात्रों के सामने उनकी पढ़ाई पूरी न होने का गंभीर खतरा मंडरा रहा है, जो उनके हालात को और चुनौतीपूर्ण बना रहा है. सरकारी आंकड़ों की मानें तो अभी भी यूक्रेन में 15 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र फंसे हैं, जो इस उम्मीद के सहारे गंभीर संकट से लड़ रहे हैं कि उन्हें जल्द ही यहां से निकाल लिया जाएगा. हालांकि भारत सरकार ने आश्वासन दिया है कि उनको सुरक्षित निकाला जाएगा लेकिन सवाल यह भी है कि आखिर कब तक?
भारत सरकार की पहल
भारत सरकार, यूक्रेन में फंसे भारतीयों को रोमानिया और हंगरी के रास्ते निकालने की योजना बना चुकी है. वहां फंसे छात्रों को सीमा चौकियों पर पहुंचने के लिए कहा गया है. हंगरी में भारतीय दूतावास के अनुसार अभी उजहोरोड के पास हंगरी की सीमा पर स्थित चॉप-जहोनी (CHOP-ZAHONY) और रोमानिया की सीमा पर स्थित चेर्नित्सि के पोरुब्न-सिरेत (PORUBNE-SIRET) पर निकासी टीमें पहुंच रही हैं. हंगरी में भारतीय दूतावास ने कहा कि पहले उन भारतीयों, खासकर विद्यार्थियों को, जो कि उक्त सीमा चौकियों के आसपास के इलाकों में रह रहे हैं, को संगठित रूप से वहां पहुंचने को कहा गया है. उन्हें इसके लिए विदेश मंत्रालय की टीम से समन्वय करने को कहा गया है. शाम को पोलैंड और लिथुआनिया में भारत के दूतावास ने नई एडवाइजरी जारी की है. जिसमें कहा गया है कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों के लिए नवीनतम एडवाइजरी जारी की गई है, जो पोलैंड के रास्ते निकलना चाहते हैं. यूक्रेन में जारी जंग के चलते भारत के 15 हजार से ज्यादा लोग वहां विभिन्न शहरों में फंस गए हैं. करीब 4 हजार लोग वहां से निकल आए हैं. एयर इंडिया की शुरुआती उड़ानों से भी कई लोगों को दिल्ली लाया गया. रूसी बमबारी व दोनों देशों की सेनाओं के बीच भीषण युद्ध जारी है. जंग के बीच भारतीयों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं क्योंकि उनके पास खाने-पीने का सामान भी नहीं है. आइए जानते है कि किन किन राज्यों के कितने कितने छात्र वहां फंसे हैं और राज्य सरकारों ने अपने प्रदेश के चिंतित परिवारों के लिए क्या सब सुविधा मुहैया कराए हैं.
तमिलनाडु के 916 छात्र सहित 5000 लोग यूक्रेन में
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने घोषणा की है कि राज्य सरकार रूसी हमले का सामना कर रहे यूक्रेन में फंसे राज्य से छात्रों की वापसी से संबंधित सभी खर्चों को वहन करेगी. आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार पूर्वी यूरोपीय देश में फंसे राज्य के 916 छात्रों सहति करीब 5000 लोग यूक्रेन में फंसे हैं. इन प्रवासियों ने अब तक नई दिल्ली के अलावा जिला और राज्य स्तर पर सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारियों से निकासी के संबंध में संपर्क किया है.
करीब 1500 तेलुगु छात्र यूक्रेन में फंसे
यूक्रेन के मेडिकल कॉलेजों में करीब 1500 तेलुगु छात्र पढ़ रहे हैं. उनमें से अधिकांश ने यूक्रेन के अधिकारियों की बात सुनी और उनके लिए भारत सरकार से विमानों की व्यवस्था का इंतजार किया. यूक्रेन में फंसे तेलुगु छात्र विजयनगरम जिले के भोगापुरम अंचल के चेपलकांचेरू क्षेत्र के एलाजी और पेडितली की बेटी यमुना यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं. उसने अपने माता-पिता को फोन किया और बताया कि उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है. रामपुरम गांव, पेंडुरथी जोन, विशाखापत्तनम जिले के रेड्डी नोमुला सत्यश्रीजा यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं.
केरल के करीब 2000 मेडिकल छात्र
केरल के लगभग 2000 मेडिकल छात्र जो यूक्रेन में पढ़ रहे हैं. वे अपने छात्रावासों, हवाई अड्डों या आश्रयों में फंस गए हैं. छात्रा हिना ने बताया कि हम पिछले दो हफ्तों से उड़ानें बुक करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अधिक मांग और अधिक किराए के कारण हम ऐसा नहीं कर सके. युद्ध शुरू होने के बाद सभी हवाई अड्डों को बंद कर दिया गया है. दूतावास ने हमें अपने छात्रावास के कमरों में रहने के लिए कहा है. हमारे पास केवल तीन-चार दिनों के लिए भोजन और पानी बचा है
छत्तीसगढ़ के करीब 1500 छात्र फंसे
छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों के करीब 12 से 15 सौ छात्र यूक्रेन में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं. अब भी ज्यादातर बच्चे यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में हैं. जानकारी के मुताबिक रूसी सीमा से सटे शहर खार्किव में पढ़ने वाले राज्य के छात्रों को सुरक्षित स्थान पर रखा गया है. यूक्रेन के विभिन्न शहरों से राजधानी कीव पहुंचे सौ से ज्यादा छात्रों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. उन्हें भारतीय दूतावास के पास एक स्कूल में ठहराया गया है. छत्तीसगढ़ के छात्रों की जानकारी और सहयोग के लिए राज्य सरकार ने एक नोडल अधिकारी नियुक्त कर हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. बच्चों के परिजन लगातार संपर्क में हैं.
बिहार के 1000 से अधिक छात्र यूक्रेन में
बिहार के विभिन्न जिलों के 1000 से अधिक छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. ईटीवी भारत ने कुछ छात्रों से बात की है. बिहार के विभिन्न जिलों से छात्रों के परिजनों की भी प्रतिक्रियाएं आईं हैं. यूक्रेन से जुड़े मुद्दों पर दिल्ली के बिहार भवन में बिहार के लोगों की मदद के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. बिहार के जेडीयू विधायक राजीव कुमार सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी रीमा से वीडियो कॉल पर बात की है. विधायक ने बताया कि उनकी बेटी के अलावा मेडिकल की तैयारी करने गए मुंगेर के जिले के तीन अन्य छात्र भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं. इन तीनों में हवेली-खड़गपुर अनुमंडल क्षेत्र के दिलीप केसरी के पुत्र रजत राज और अरविंद केसरी की बेटी नेहा कुमारी व शुभम राज शामिल हैं.
कर्नाटक के 346 छात्र फंसे
कर्नाटक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार राज्य के 27 जिलों के कुल 346 एमबीबीएस छात्र युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे हुए हैं. सभी माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा की पुष्टि के लिए वीडियो कॉल के माध्यम से नियमित रूप से संपर्क में हैं. ईटीवी भारत उन नागरिकों से बात की है. जिसमें उन्होंने बताया कि खाना-पानी नहीं है. हावेरी जिले के एक छात्र ने ईटीवी भारत से बात की और कहा हम यूक्रेन के खार्किव शहर में हैं. हमें आवश्यक वस्तुएं नहीं मिल रही हैं. कर्नाटक के 100-200 लोग यहां हैं. भारतीय दूतावास ने फोन कॉल या संदेशों का जवाब नहीं दिया है. ईटीवी भारत से बात करते हुए चामराजनगर की काव्या, जो यूक्रेन में एमबीबीएस कर रही हैं, ने कहा कि यूक्रेन की स्थिति खराब हो रही है. हमें विश्वास था कि भारत सरकार हमें सुरक्षित रूप से भारत वापस ले जाएंगे. प्रवीण बादामी ने कहा कि मैं खार्किव नेशनल मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहा हूं. हमारे छात्रावास में कर्नाटक के 40 छात्र हैं. राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी मनोज राजन को आयुक्त कर्नाटक राज्य आपदा नियुक्त किया है.
यूक्रेन में महाराष्ट्र के 1200 छात्र फंसे
राज्य के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने कहा कि महाराष्ट्र से 1200 छात्र शिक्षा के लिए यूक्रेन गए हैं. जिनमें अहमदनगर जिले के 18 छात्र, रायगढ़ जिले के 22 छात्र और रत्नागिरी के 8 छात्रों की प्रारंभिक सूचना मिली है. वहीं 15 छात्र घर लौट चुके हैं. औरंगाबाद के 2 छात्र श्रुतिका और भूमिका भी यूक्रेन में फंसे हैं. सभी की सकुशल वापसी की कोशिशें लगातार की जा रही हैं.
हरियाणा के करीब 2000 छात्र हैं
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की वजह से हरियाणा के करीब दो हजार छात्र यूक्रेन में फंसे हैं. जिनमें नूंह के 60 से 70 छात्र शामिल हैं. ये सभी यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए गए हैं. कुछ लोग इनमें ऐसे भी हैं जो यूक्रेन में रोजगार के लिए गए हैं. अब ये सभी लोग यूक्रेन में फंसे हैं. ऐसे में कांग्रेस विधायक आफताब अहमद से दर्जनों परिवारों ने मुलाकात कर उनके बच्चों को वतन वापसी लाने की गुहार लगाई है. नई गांव नूंह के मोहम्मद इरसाद पुत्र तैयब हुसैन पिछले 4 साल से यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. उनकी तरह अन्य छात्र भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं.
छात्रा ने ईटीवी भारत को दी जानकारी
हरियाणा के सोनीपत की रहने वाली रिया और उर्वशी भी यूक्रेन के खारकीव में फंसी हुई हैं. रूस के हमलों से बचने के लिए हजारों लोगों ने बंकर में शरण लिया है. रिया और उर्वशी भी उन लोगों के साथ बंकर के अंदर ही है. दोनों का परिवार सोनीपत में रहता है. दोनों ने युद्ध शुरू होने के बाद अपने परिजनों से वॉट्सऐप पर वीडियो कॉल के जरिए बात की और वहां का हाल (Riya Kaushik Trapped In Ukraine) बताया. सोनीपत के आदर्श नगर की रहने वाली उर्वशी और रिया यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए गई हुई हैं.