नई दिल्ली: वर्तमान समय में श्रीलंका सबसे बड़े आर्थिक संकट (The biggest economic crisis in Sri Lanka) का सामना कर रहा है. हालात यह है कि किराने का सामान नहीं मिल रहा. खाद्य वस्तुओं के दाम आसमान पर हैं. विदेशी मुद्रा भंडार की कमी के कारण पेट्रोल-डीजल की लगातार कमी बनी हुई है. जिसकी वजह से श्रीलंका का आर्थिक पतन अब राजनैतिक संकट में तब्दील हो गया है.
हालांकि इन हालातों के बीच नई दिल्ली के लिए सबसे बड़ी चिंता, अपने नागरिकों की सुरक्षा है. ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत करते हुए कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने कहा कि विदेश में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा भारतीय मिशनों के लिए पहली प्राथमिकता है. भारतीय पर्यटक, श्रीलंका में आने वाले पर्यटकों का सबसे बड़ा समूह हैं. यह अनुमान है कि भारतीय उच्चायोग द्वारा सूचित किए गए अनुसार लगभग 14000 भारतीय प्रवासी श्रीलंका में रह रहे हैं. कुछ ऐसे ही मुद्दों पर ईटीवी भारत ने श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग के साथ बात की.
Q1. श्रीलंका के हालात बेहद चौंकाने वाले और डरावने हैं, वहां के भारतीय पर्यटकों का क्या हाल है?
उच्चायोग: विदेशों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा भारतीय मिशनों की पहली प्राथमिकता है. भारतीय पर्यटक, श्रीलंका में आने वाले पर्यटकों के सबसे बड़े समूह हैं. हम इनमें से कई भारतीय पर्यटकों के साथ-साथ भारत के संभावित यात्रियों के सीधे संपर्क में हैं.
Q2. यदि स्थिति यही रहती है तो दूतावास फंसे हुए भारतीय पर्यटकों और वहां काम करने वाले भारतीयों को कैसे सुरक्षा प्रदान की जाएगी?
उच्चायोग: अभी तक श्रीलंका में भारतीय पर्यटकों से जुड़ी कोई गंभीर स्थिति हमारे सामने नहीं आई है. हम श्रीलंका में संबंधित प्राधिकारियों के संपर्क में हैं और यदि हमारे किसी भी व्यक्ति को श्रीलंका में कोई कठिनाई आती है तो हम इन अधिकारियों की सहायता से इन समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करेंगे.