नई दिल्ली : रेलवे ने हाइड्रोजन ईंधन तकनीक से ट्रेन चलाने की योजना बनाई है. रेलवे की इस योजना का उद्देश्य खुद को ग्रीन ट्रांसपोर्ट सिस्टम के रूप में तब्दील करना है. इसके लिए निजी साझेदारों को जोड़ने के लिए निविदा आमंत्रित की गई है. सरकारी बयान के मुताबिक इंडियन रेलवे ऑर्गनाइजेशन ऑफ अल्टरनेट फ्यूल ने उत्तर रेलवे के 89 किमी सोनीपत जींद सेक्शन में एक डीजल इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट (DEMU) को रेट्रोफिटिंग करके हाइड्रोजन फ्यूल आधारित तकनीक के विकास के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं.
भारत में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर10 डिब्बों वाली डेमू ट्रेन यीनी पैसेंजर ट्रेन चलाई जाएगी, इस तरह की बैटरी 1600 HP की क्षमता की होगी. मौजूदा समय में दुनिया के कई देशों में इस तकनीक की बैटरी का इस्तेमाल किया जा रहा है. जर्मनी में तो इससे ट्रेन भी चल रही है.
नेशनल हाइड्रोजन एनर्जी मिशन के तहत बनाई बनाई योजना
रेल मंत्रालय ने बताया कि यह मौजूदा डेमू रेकों को परिवर्तित/रिट्रोफिटमेंट करके किया जाएगा. रेलवे ने यह योजना नेशनल हाइड्रोजन एनर्जी मिशन के तहत बनाई है. रेलवे का लक्ष्य 2030 तक भारत में रेलवे का कार्बन उत्सर्जन से मुक्त करना है. इस तरह के एक इंजन से रेलवे को सालाना करीब ढाई करोड़ रुपये की बचत होगी और उत्सर्जन भी नहीं होगा.