ट्रेनों में बड़ा बदलाव करने जा रहा है रेलवे, आरामदायक सफर के साथ मिलेगी रफ्तार
भारतीय रेल आधुनिकीकरण में लगी हुई है. इसको लेकर नई से लेकर हाईस्पीड ट्रेनों तक लांच किये जा रहे हैं. इसका मकसद सफर को आरामदायक के साथ सुरक्षित भी बनाना है. इसी कड़ी में भारतीय रेल एल्युमिनियम कोच का इस्तेमाल करने जा रहा है. ये हल्के होने के साथ आरामदायक भी हैं.
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Published : Aug 17, 2021, 10:01 PM IST
नई दिल्ली :भारतीय रेल में अगले साल तक एल्युमिनियम कोच का इस्तेमाल शुरू हो जाएगा. शुरुआत में 500 कोच के साथ इसकी शुरुआत किए जाने की प्लानिंग है. मार्च तक ये कोच आ जाएंगे और फिर इन्हें राजधानी और शताब्दी जैसी प्रीमियम गाड़ियों में इस्तेमाल किया जाएगा.
मिली जानकारी के मुताबिक, रायबरेली स्थित मॉडर्न कोच फैक्ट्री एल्युमीनियम कोच से संबंधित हर काम संभाल रही है. स्टेनलेस स्टील के बाद इन कोच को डिज़ाइन, इंटीरियर और सुरक्षा के मामले में बेहतर बताया जा रहा है. बताया गया कि दक्षिण कोरिया की एक कंपनी से, इसे लेकर करार भी हो गया है. नए कोच की डिज़ाइन फाइनल स्टेज पर है. जल्दी ही इसे पूरा कर आगे की कार्यवाही शुरू हो जाएगी.
मिली जानकारी के मुताबिक, सबसे पहले इस तरह के कोच कोलकाता मेट्रो को दिए जाएंगे. इसके बाद, इनका इस्तेमाल राजधानी और शताब्दी गाड़ियों में होगा. अगले साल मार्च तक उत्तर रेलवे की गाड़ियों के लिए ये फाइनलाइज किए जा सकते हैं.
ट्रेनों में बड़ा बदलाव करने जा रहा है रेलवे
एल्युमीनियम कोच के क्या हैं फायदेः-
1.
कोच हल्के होते हैं
2.
इस तरह के कोच स्पीड जल्दी पकड़ते हैं
3.
मॉड्यूलर डिज़ाइन के ये कोच आरामदायक के साथ बेहतर दिखते हैं
4.
इनकी लागत कम होती है
5.
ये कोच 40-50 साल तक सेवा में रहते हैं
6.
ये कोच कम समय में तैयार हो जाते हैं
आरामदायक सफर के साथ मिलेगी रफ्तार
एल्युमीनियम कोच की खूबियां
ये स्टेनलेस स्टील कोच की तुलना में हल्के होते हैं जिससे इनकी मेंटेनेंस लागत कम होती है और फ्यूल एफिशियंसी बेहतर होती है. इन पर जंग नहीं लगती है और ये 40 साल तक सेवा में रह सकते हैं. इन्हें एलएचबी कोच (LHB Coach-Linke Hofmann Busch) भी कहते हैं. मॉड्यूलर इंटीरियर के साथ आसानी से कंपोनेंट्स को हटाया जा सकता है और नया रंगरूप दिया जा सकता है.
एलएचबी कोच पारंपरिक कोच की तुलना में 1.5 मीटर लंबे होते हैं. इसके कारण यात्री वहन क्षमता में वृद्धि हो जाती है. दुर्घटना की स्थिति में एलएचबी कोच पारंपरिक कोच के मुकाबले कम क्षतिग्रस्त होते हैं. इनकी सेल्फ लाइफ भी पारंपरिक कोच के मुकाबले ज्यादा होती है.
इन कोचेस में बड़ी खिड़कियां, आरामदायक सीट, बॉयो टॉयलेट्स, और सामान रखने की अधिक स्पेस है, जिससे सफर का आनंद और अधिक बढ़ जाएगा. एलएचबी एक जर्मनी तकनीक है. LHB कोच का प्रयोग तेज गति वाली ट्रेनों में किया जाता है. इनमें क्षमता होती है कि ये 160 से 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड में दौड़ सके.
ऐसे कोच में एंटी टेलीस्कोपिक सिस्टम होता है, जिसके कारण इसके डिब्बे आसानी से पटरी से नहीं उतर पाते हैं. वहीं दूसरी ओर इसके डिब्बे स्टेलनेस स्टील और एल्युमिनियम के बने होते है. एलएचबी कोच में डिस्क ब्रेक सिस्टम होता है जिससे ट्रेन को जल्दी रोका जा सकता है.