नई दिल्ली :जनवरी में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद विपक्ष अडाणी समूह को लेकर बराबर सरकार पर निशाना साध रहा है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि 'इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) को अडाणी बंदरगाहों से लिक्विड पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) आयात करने के लिए मजबूर किया जा रहा है.' टीएमसी की महुआ मोइत्रा ने भी आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश के गंगावरम में पोर्ट सुविधा को किराए पर लेने को लेकर 'घोटाले की बदबू' आ रही है. इस पर इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने सफाई दी है (Indian Oil responds to Adani Ports contract allegations).
आईओसी ने कहा, 'आईओसी ने अब तक एपीएसईजेडएल के साथ एक गैर-बाध्यकारी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं.' आईओसी ने कहा, इसके तहत एलपीजी आयात करने के लिए बंदरगाहों पर सुविधाओं को किराए पर लेने के लिए कोई निविदा नहीं जारी की जाती है. इसमें कहा गया है, 'अभी तक कुछ लेने या भुगतान करने की देनदारी या कोई बाध्यकारी समझौता नहीं है.'
क्या है टेक-या-पे कॉन्ट्रैक्ट :अडाणी समूह की बंदरगाह इकाई एपीएसईजेडएल ने 7 फरवरी को कंपनी की तीसरी तिमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा की थी. इसी दौरान आईओसी और अडाणी पोर्ट्स के बीच हस्ताक्षर किए गए शुरुआती समझौते का खुलासा किया था.
कंपनी ने कहा था, 'एलपीजी हैंडलिंग सुविधाओं के निर्माण के लिए गंगावरम पोर्ट पर टेक-या-पे अनुबंध के लिए आईओसीएल के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.' दरअसल टेक-या-पे अनुबंध में खरीदार या ऑफ-टेकर को शुल्क का भुगतान करना होता है, भले ही वह अनुबंधित सामान की डिलीवरी नहीं लेता हो या सौदे के तहत सहमत सीमा तक सुविधा का उपयोग नहीं करता हो.
कांग्रेस का ये है आरोप :कांग्रेस की ओर से जयराम रमेश ने कहा, 'हमें पता चला है कि IOC, जो पहले सरकार द्वारा संचालित विशाखापत्तनम बंदरगाह के माध्यम से एलपीजी आयात कर रही थी अब पड़ोसी गंगावरम बंदरगाह का उपयोग करने जा रही है. वह भी एक प्रतिकूल माध्यम टेक-या-पे अनुबंध के जरिए.' रमेश ने पूछा कि भारत के सार्वजनिक क्षेत्र को क्या आप केवल अपने मित्रों को समृद्ध करने के उपकरण के रूप में देखते हैं?
महुआ ने ये किया ट्वीट :पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी और सीवीसी को टैग करते हुए मोइत्रा ने कहा, 'कोई निविदा नहीं. कोई सीवीसी मानदंड नहीं. व्यवसाय को विजाग बंदरगाह से गंगावरम ले जाना. कोयले से स्किमिंग, गैस से स्किमिंग, अब हर घर में 'चूल्हा' से स्किमिंग. शर्म की बात है.' मोइत्रा की पार्टी उन विपक्षी दलों में शामिल है, जो अमेरिकी शॉर्ट सेलर द्वारा अडाणी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच की मांग कर रहे हैं.