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Adani Port Indian Oil dispute : क्या आईओसी के जरिए अडाणी को फायदा पहुंचाने की हो रही कोशिश, समझें क्या है पूरा विवाद - gangavaram project

कांग्रेस और टीएमसी आंध्र प्रदेश के गंगावरम पोर्ट पर 'टेक-या-पे अनुबंध' के लिए आईओसी के साथ अडाणी ग्रुप के शुरुआती समझौते को लेकर निशाना साध रहे हैं. कांग्रेस इसे 'मित्रों को लाभ' पहुंचाने के रूप में देख रही है तो महुआ मोइत्रा को इसमें 'घोटाले की बू' आ रही है. मामला बढ़ता देख आईओसी की ओर से भी सफाई आई. आईओसी ने कहा कि ये कोई बाध्यकारी समझौता नहीं है. पढ़ें क्या है पूरा मामला.

Adani Port Indian Oil dispute
गौतम अडाणी

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Published : Feb 19, 2023, 4:45 PM IST

Updated : Feb 19, 2023, 6:13 PM IST

नई दिल्ली :जनवरी में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद विपक्ष अडाणी समूह को लेकर बराबर सरकार पर निशाना साध रहा है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि 'इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) को अडाणी बंदरगाहों से लिक्विड पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) आयात करने के लिए मजबूर किया जा रहा है.' टीएमसी की महुआ मोइत्रा ने भी आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश के गंगावरम में पोर्ट सुविधा को किराए पर लेने को लेकर 'घोटाले की बदबू' आ रही है. इस पर इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने सफाई दी है (Indian Oil responds to Adani Ports contract allegations).

आईओसी ने कहा, 'आईओसी ने अब तक एपीएसईजेडएल के साथ एक गैर-बाध्यकारी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं.' आईओसी ने कहा, इसके तहत एलपीजी आयात करने के लिए बंदरगाहों पर सुविधाओं को किराए पर लेने के लिए कोई निविदा नहीं जारी की जाती है. इसमें कहा गया है, 'अभी तक कुछ लेने या भुगतान करने की देनदारी या कोई बाध्यकारी समझौता नहीं है.'

क्या है टेक-या-पे कॉन्ट्रैक्ट :अडाणी समूह की बंदरगाह इकाई एपीएसईजेडएल ने 7 फरवरी को कंपनी की तीसरी तिमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा की थी. इसी दौरान आईओसी और अडाणी पोर्ट्स के बीच हस्ताक्षर किए गए शुरुआती समझौते का खुलासा किया था.

कंपनी ने कहा था, 'एलपीजी हैंडलिंग सुविधाओं के निर्माण के लिए गंगावरम पोर्ट पर टेक-या-पे अनुबंध के लिए आईओसीएल के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.' दरअसल टेक-या-पे अनुबंध में खरीदार या ऑफ-टेकर को शुल्क का भुगतान करना होता है, भले ही वह अनुबंधित सामान की डिलीवरी नहीं लेता हो या सौदे के तहत सहमत सीमा तक सुविधा का उपयोग नहीं करता हो.

कांग्रेस का ये है आरोप :कांग्रेस की ओर से जयराम रमेश ने कहा, 'हमें पता चला है कि IOC, जो पहले सरकार द्वारा संचालित विशाखापत्तनम बंदरगाह के माध्यम से एलपीजी आयात कर रही थी अब पड़ोसी गंगावरम बंदरगाह का उपयोग करने जा रही है. वह भी एक प्रतिकूल माध्यम टेक-या-पे अनुबंध के जरिए.' रमेश ने पूछा कि भारत के सार्वजनिक क्षेत्र को क्या आप केवल अपने मित्रों को समृद्ध करने के उपकरण के रूप में देखते हैं?

महुआ ने ये किया ट्वीट :पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी और सीवीसी को टैग करते हुए मोइत्रा ने कहा, 'कोई निविदा नहीं. कोई सीवीसी मानदंड नहीं. व्यवसाय को विजाग बंदरगाह से गंगावरम ले जाना. कोयले से स्किमिंग, गैस से स्किमिंग, अब हर घर में 'चूल्हा' से स्किमिंग. शर्म की बात है.' मोइत्रा की पार्टी उन विपक्षी दलों में शामिल है, जो अमेरिकी शॉर्ट सेलर द्वारा अडाणी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच की मांग कर रहे हैं.

मोइत्रा के ट्वीट का ये OIC ने ये दिया जवाब :मोइत्रा के ट्वीट का जवाब देते हुए आईओसी ने कहा कि वह कांडला, मुंद्रा, पीपावाव, दाहेज (गुजरात में), मुंबई और मैंगलोर, हल्दिया (पश्चिम बंगाल), विजाग (आंध्र प्रदेश में), एन्नोर (तमिलनाडु) सहित विभिन्न बंदरगाहों पर एलपीजी का आयात करती है. आयात के लिए दो और टर्मिनल कोच्चि और पारादीप में आ रहे हैं. इनका भी इस्तेमाल समय आने पर किया जाएगा.

ओआईसी की ओर से कहा गया कि 'आईओसी भारत भर में एलपीजी की आपूर्ति करने की क्षमता बढ़ाने के लिए नियमित आधार पर विभिन्न बंदरगाहों के साथ समझौते करता है. एलपीजी टर्मिनलों को किराए पर लेने के लिए, ओएमसी बुनियादी ढांचे का मूल्यांकन करती है. इस संबंध में निविदा अलग से आमंत्रित नहीं की जाती है. OMCs तेल विपणन कंपनियां हैं.'

आईओसी ने कहा, बढ़ रही एलपीजी की मांग :आईओसी ने कहा, 'देश में एलपीजी की मांग लगातार बढ़ रही है. उज्जवला योजना के बाद 31.5 करोड़ कनेक्शन हैं, जो पहले 14 करोड़ थे. ओएमसी लगातार नई बंदरगाह सुविधाओं की तलाश में हैं.'

पूर्वी तट पर टर्मिनल हायरिंग पैक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए, कंपनी ने कहा कि वर्तमान में विजाग के पास केवल दो टर्मिनल हैं - एक दक्षिण एशिया एलपीजी (फ्रांस की टोटल एनर्जी और एचपीसीएल का एक संयुक्त उद्यम) और निजी कंपनी ईस्ट इंडिया पेट्रोलियम लिमिटेड (ईआईपीएल). आईओसी ने कहा, 'एसएएलपीजी 1,050 रुपये और ईआईपीएल 900 रुपये कम क्षमता वाले जहाज से उतारने के शुल्क के रूप में चार्ज करता है.'

आईओसी ने कहा, 'विजाग पोर्ट अब लगभग 0.7 एमएमटीपीए LPG का आयात करता है. नए बंदरगाह (गंगावरम) के लिए प्रस्ताव 0.3 एमएमटीपीए का है. विजाग का उपयोग जारी रहेगा. कई टर्मिनलों की उपलब्धता से टर्मिनल ऑपरेटरों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और कम पैसे पर सुविधाएं मिलेंगी.'

आईओसी ने कहा है कि एपीएसईएल ने सीधे रेफ्रिजरेटेड एलपीजी के बड़े जहाजों को उतारने की सुविधा के साथ एलपीजी आयात टर्मिनलिंग शुल्क के लिए 1050 रुपये की कीमत की पेशकश की है. यह एसएएलपीजी और ईआईपीएल की तुलना में एक अतिरिक्त लाभ देता है क्योंकि बड़े जहाजों को जल्दी से उतार दिया जा सकता है. इस तरह की व्यवस्था से निकासी के लिए अतिरिक्त समय के कारण माल ढुलाई और विलंब शुल्क की बचत होगी. सार्वजनिक क्षेत्र के ईंधन रिटेलर ने कहा, अब तक कोई देनदारी या भुगतान दायित्व या कोई बाध्यकारी समझौता नहीं है.

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Last Updated : Feb 19, 2023, 6:13 PM IST

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