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भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हुई पनडुब्बी आईएनएस वेला

'प्रोजेक्ट 75' श्रृंखला के तहत स्कॉर्पीन डिजाइन की छह पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है. इसके तहत गुरुवार को चौथी पनडुब्बी को देश को समर्पित कर दिया गया. इनमें से तीन पनडुब्बियों - कलवरी, खंडेरी और करंज - को पहले ही सेवा में शामिल किया जा चुका है.

Ins vela
आईएनएस वेला

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Published : Nov 25, 2021, 7:01 AM IST

Updated : Nov 25, 2021, 9:17 PM IST

मुंबई : भारतीय नौसेना में 'प्रोजेक्ट 75' के तहत चौथी स्टील्थ स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी INS वेला आज (गुरुवार) शामिल की गई. मुंबई स्थित नौसेना डॉकयार्ड में भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह की उपस्थिति में पनडुब्बी को शामिल किया गया. नौसेना ने कहा कि इस पनडुब्बी के सेवा में शामिल होने से उसकी युद्धक क्षमता में बढ़ोतरी होगी.

नौसेना प्रमुख ने कहा कि आईएनएस वेला में पनडुब्बी संचालन के पूरे स्पेक्ट्रम को अंजाम देने की क्षमता है.

उन्होंने कहा कि INS वेला में पनडुब्बी संचालन के एक पूरे स्पेक्ट्रम को शुरू करने की क्षमता है. आज की गतिशील और जटिल सुरक्षा स्थिति को देखते हुए, दुश्मन को तबाह करने की इसकी क्षमता से भारतीय नौसेना की क्षमता भी बढ़ेगी.

उल्लेखनीय है कि 'प्रोजेक्ट 75' में स्कॉर्पीन डिजाइन की छह पनडुब्बियों का निर्माण शामिल है. इनमें से तीन पनडुब्बियों - कलवरी, खंडेरी, करंज - को पहले ही सेवा में शामिल किया जा चुका है.

भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हुई पनडुब्बी आईएनएस वेला

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नौसेना ने एक बयान में कहा कि भारतीय नौसेना की चौथी स्टील्थ स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी, INS वेला, 25 नवंबर 2021 को सेवा में शामिल हो गयी है. पनडुब्बी का निर्माण मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने मेसर्स नेवल ग्रुप आफ फ्रांस के सहयोग से किया है.

INS वेला का पिछला अवतार 31 अगस्त, 1973 को सेवा में शामिल किया गया था और यह 25 जून, 2010 को सेवा से हटी थी. इसने 37 वर्षों तक राष्ट्र की महत्वपूर्ण सेवा की थी.

भारतीय नौसेना में INS विशाखापत्तनम के बाद अब INS वेला शामिल हुई है. इस पनडुब्बी को मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने बनाया है. इसमें फ्रांस के मेसर्स नेवल ग्रुप ने सहयोग किया है. ये सबमरीन फ्रांसीसी स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन की तकनीक पर बनाई गई है.

INS वेला की लंबाई 75 मीटर और वजन 1615 टन है. इसमें 35 नौसैनिक और आठ ऑफिसर सफर कर सकते हैं. यह सबमरीन समुद्र के अंदर 37 कि.मी की रफ्तार से चल सकती है.

समुद्र के अंदर ये सबमरीन में एक बार में 1020 कि.मी की दूरी तय करने की क्षमता हैय वहीं, अपने बेस से निकलने के बाद 50 दिनों तक यह समुद्र में रह सकती है.

INS वेला में दुश्मन के जहाज को पानी में मिलाने की क्षमता है, जिसके लिए 18 टॉरपीडो लगे हुए हैं. इसमें टॉरपीडो की जगह 30 समुद्री सुंरगे भी लगाई जा सकती हैं, जिससे दुश्मन के जहाज का नामोंनिशान तक मिट जाएगा. ये सबमरीन मिसाइलों से भी लैस है.

उल्लेखनीय है कि भारतीय नौसेना में इस समय कुल 16 सबमरीन हैं. INS वेला के नौसेना में शामिल होने के बाद इनकी संख्या बढ़कर 17 हो जाएगी और भारतीय नौसेना की क्षमता और मजबूत हो गई है.

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बता दें कि 21 नवंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुंबई डॉकयार्ड में विध्वंसक युद्धपोत INS विशाखापट्टनम को भारतीय नौसेना को सौंपा था. छिपकर वार करने में सक्षम, स्वदेशी निर्देशित मिसाइल विध्वंसक पोत 'INS विशाखापट्टनम' कई मिसाइल और पन्नडुब्बी रोधी रॉकेट से लैस है.

अधिकारियों ने बताया कि INS विशाखापट्टनम सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, मध्यम और छोटी दूरी की बंदूकें, पनडुब्बी रोधी रॉकेट और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और संचार प्रणालियों सहित घातक हथियारों और सेंसर से लैस है.

(एक्स्ट्रा इनपुट- भाषा)

Last Updated : Nov 25, 2021, 9:17 PM IST

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