नई दिल्ली/लंदन: भारतीय उच्चायोग ने आशंका जताई है कि नॉर्थ वेल्स में 50 से अधिक भारतीय छात्र, भारतीय मूल के पांच व्यक्तियों के चंगुल में फंस गए हैं (Modern Slavery Fears In UK). ऐसी आशंका है कि ये छात्र भारतीय मूल के पांच व्यक्तियों द्वारा चलाए जा रहे देखभाल केंद्रों में काम करते हुए आधुनिक दासता के चंगुल में फंस गए हों. इसके बाद ब्रिटेन की राजधानी लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने शुक्रवार को भारत के छात्रों से मदद और परामर्श के लिए उससे संपर्क करने की अपील की है (Indian mission reaches out to students).
भारतीय उच्चायोग ने भारतीय छात्रों से यह अपील इस आशंका के बीच की कि हो सकता है कि उनमें से 50 से अधिक नॉर्थ वेल्स में भारतीय मूल के पांच व्यक्तियों द्वारा चलाए जा रहे देखभाल केंद्रों में काम करते हुए आधुनिक दासता के चंगुल में फंस गए हों.
ब्रिटेन सरकार की एक खुफिया एवं श्रम शोषण संबंधी जांच एजेंसी 'गैंगमास्टर्स एंड लेबर एब्यूज अथॉरिटी' (जीएलएए) ने इस सप्ताह की शुरुआत में रिपोर्ट दी थी कि वह पांचों व्यक्तियों के खिलाफ श्रम दुर्व्यवहार के लिए अदालती आदेश प्राप्त करने में सफल रहा है. जीएलएए ने कहा कि उसने मामले के संबंध में 'पिछले 14 महीनों में 50 से अधिक भारतीय छात्रों की पहचान आधुनिक दासता और श्रम दुर्व्यवहार के संभावित शिकार के रूप में की है.'
उच्चायोग ने ट्वीट किया, 'हम इस संबंध में खबर को लेकर चिंतित हैं. जिन भारतीय छात्रों ने इसका सामना किया है, कृपया हमसे संपर्क करें और हम सहायता/परामर्श प्रदान करेंगे. हम आपको अपनी प्रतिक्रिया में गोपनीयता का आश्वासन देते हैं.'